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28 April 2022

भीमा कोरेगांव हिंसा: शरद पवार ने दाखिल किया हलफनामा, देशद्रोह की धारा निरस्त करने की मांग

नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कोरेगांव-भीमा जांच आयोग से कहा है कि महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक युद्ध स्मारक पर जनवरी 2018 में हुई हिंसा के संबंध में उनके पास किसी राजनीतिक एजेंडे के खिलाफ मेरा कोई आरोप नहीं है। उन्होंने कहा है कि राजद्रोह के प्रावधान को निरस्त किया जाए या इसके "दुरुपयोग" को रोका जाए।

बता दें पवार ने 11 अप्रैल को जांच पैनल के समक्ष एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया, जिसकी एक प्रति गुरुवार को उपलब्ध कराई गई। उन्होंने इससे पहले 8 अक्टूबर, 2018 को आयोग के समक्ष एक हलफनामा प्रस्तुत किया था। आयोग ने बुधवार को पवार को समन जारी कर साक्ष्य दर्ज करने के लिए पांच और छह मई को पेश होने को कहा था।

पवार ने अपने अतिरिक्त हलफनामे में दोहराया कि उन्हें 1 जनवरी, 2018 को पुणे में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक में हुई घटना के कारण होने वाली घटनाओं के बारे में कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं है। हलफनामे में कहा गया है, 'दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीछे किसी राजनीतिक एजेंडे या मकसद के खिलाफ मेरा कोई आरोप नहीं है।

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पवार ने अपने हलफनामे में कहा कि देशद्रोह से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के दुरुपयोग को संशोधनों के साथ रोका जाना चाहिए या उक्त धारा को ही निरस्त किया जाना चाहिए।

इसके अलावा, राकांपा प्रमुख ने सार्वजनिक शांति और कानून-व्यवस्था भंग करने के आरोप में गिरफ्तार लोगों के लिए कड़ी सजा की भी मांग की। 

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TAGS: Bhima Koregaon violence, Investigation, Elgar Parishad, Sharad Pawar, Pune Police, affidavit
OUTLOOK 28 April, 2022
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