बिहार बिजनेस कनेक्ट: कल से पटना में जुटेंगे 80 उद्योगपति! हजारों करोड़ के निवेश की संभावना
पटना के ज्ञान भवन में कल यानी 19 दिसंबर को 'बिहार बिजनेस कनेक्ट-2024' की शुरुआत होगी। राज्य में निवेश की संभावनाओं को तलाशने के लिए एक मंच प्रदान करने वाले इस दो दिवसीय कार्यक्रम से राज्य सरकार को काफी उम्मीदें हैं। सरकारी अधिकारियों कि माने तो इस कार्यक्रम में लगभग 80 शीर्ष कंपनियों के प्रतिनिधियों और 1,200 निवेशकों के भाग लेने की उम्मीद है। सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य में हजारों-करोड़ का निवेश आ सकता है।
अधिकारियों ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि 5,000 निवेशकों के वर्चुअल या फिजिकल रूप से शामिल होने की भी उम्मीद है। उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने मंगलवार को कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि 19 दिसंबर से शुरू होने वाला दो दिवसीय कार्यक्रम निवेशकों के सामने 'नया बिहार' पेश करेगा।
मंत्री ने मंगलवार को पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "बिहार बिजनेस कनेक्ट-2024 राज्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है जो विकास की कहानी को एक नई दिशा देगा और इसे विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगा।" मिश्रा ने कहा कि सरकार पलायन को रोकने और दूसरे राज्यों में बस गए श्रमिकों और व्यापारियों को वापस लाने के लिए राज्य की धारणा को बदलना चाहती है।
मिश्रा ने कहा, "जब उद्योग लगाने या यहां निवेश करने की बात आती है, तो लोग पूछते हैं कि बिहार को क्यों चुना जाए। मेरा कहना है कि राज्य में अपार अवसर और विकास की संभावनाएं हैं और इसमें 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य में योगदान देने की क्षमता है।" उन्होंने कहा कि राज्य के औद्योगिक बुनियादी ढांचे का विस्तार हुआ है और सरकार ने हाल ही में अपने औद्योगिक क्षेत्र और भूमि बैंक का और विस्तार करने का फैसला किया है।
इससे पहले, विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी ने कहा कि औद्योगिक उद्देश्य के लिए सभी जिलों में भूमि अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें अब तक छूटे हुए जिले भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, "हम निकट भविष्य में इस क्षेत्र के लिए लगभग 15,000 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने की योजना बना रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि दो दिवसीय कार्यक्रम में उद्घाटन के दिन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) और स्टार्टअप पर विशेष जोर देने वाले चार सेक्टर-टू विशिष्ट सत्र होंगे। उन्होंने कहा, "अगले दिन, प्रमुख उद्योगपतियों के साथ एक उच्च स्तरीय चर्चा की योजना बनाई गई है, जिसका नेतृत्व राज्य के वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी करेंगे।"