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10 January 2021

बिहार के पार्षदों की करतूत, लूट लिया 'खजाना'

File Photo

बिहार में जिला पार्षदों को लेकर चौकाने वाला मामला सामने आया है। पार्षदों ने स्वच्छता और सौंदर्यीकरण कार्यों पर खर्च करने के लिए मिले पैसे को आपस में ही बांट लिया। 

ग्लफ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक औरंगाबाद जिले को स्वच्छता बनाए रखने, सौंदर्यीकरण कार्यों को शुरू करने और प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और स्थानीय शासन प्रणाली को मजबूत करने के लिए पिछले साल दीन दयाल उपाध्याय पंचायत पुरस्कार के लिए चुना गया था। इसके तहत 5 करोड़ रूपए की राशि दी गई, लेकिन इन पैसों को खर्च करने की बजाय पार्षदों ने खुद में बांट लिया।

जिला परिषद के सभी 28 सदस्यों ने पिछले साल 19 दिसंबर को एक बैठक की और सर्वसम्मति से जिले में ढांचागत विकास के लिए लंबित कार्यों पर सरकारी निधि खर्च करने की बजाय, आपस में पैसे को बांटने का प्रस्ताव पारित कर लिया। ये मामला शुक्रवार को उस वक्त प्रकाश में आया जब जिला परिषद अध्यक्ष द्वारा पंचायती राज विभाग के संज्ञान में मामले को रखा गया। विभाग की तरफ से कार्रवाई करते हुए पार्षदों को हटा दिया गया है।

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उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने रविवार को मीडिया को बताया, "सरकारी कोष कोई मिठाई नहीं है, जिसे अधिकारियों के बीच बांटा जाए। इन्हें सार्वजनिक कार्यों को करने के लिए खर्च किया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि संबंधित पार्षदों को सरकार को पैसा लौटाने और लोक कल्याण के लिए धन का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है।

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TAGS: Bihar councillors, Rs5 million, Government Fund, Aurangabad city, बिहार के पार्षदों की करतूत
OUTLOOK 10 January, 2021
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