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29 July 2024

बिहार में आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के फैसले पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

उच्चतम न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया, जिसके तहत बिहार में दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने वाले संशोधित आरक्षण कानूनों को रद्द कर दिया गया था। शीर्ष अदालत के इस फैसले को बिहार सरकार के लिए झटके के तौर पर देख रहा है।

हालांकि, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पटना उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार की ओर से दायर 10 याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए सहमति जताई।

शीर्ष अदालत, जिसने याचिकाओं पर नोटिस भी जारी नहीं किया, ने अपील की इजाजत दे दी और कहा कि याचिकाओं पर सितंबर में सुनवाई की जाएगी। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने पीठ से उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया।

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दीवान ने छत्तीसगढ़ के ऐसे ही एक मामले का जिक्र किया और कहा कि शीर्ष अदालत ने उस मामले में उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "हम मामले को सूचीबद्ध करेंगे, लेकिन हम (उच्च न्यायालय के फैसले पर) कोई रोक नहीं लगाएंगे।"

उच्च न्यायालय ने 20 जून के अपने फैसले में कहा था कि पिछले साल नवंबर में बिहार की द्विसदनीय विधायिका द्वारा सर्वसम्मति से पारित किए गए संशोधन संविधान में प्रदत्त "अधिकार से परे", "कानून की दृष्टि से त्रुटिपूर्ण" और "समानता के अधिकार का उल्लंघन" हैं।

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TAGS: Supreme Court, refuses to stay, High Court's decision, reservation in Bihar
OUTLOOK 29 July, 2024
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