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17 December 2022

सुप्रीम कोर्ट में बिलकिस बानो ने की थी इस आदेश की समीक्षा की मांग, कोर्ट ने किया खारिज

उच्चतम न्यायालय ने बिलकिस बानो द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने मई में पारित अपने उस आदेश की समीक्षा की मांग की थी जिसमें उसने गुजरात सरकार से सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों की सजा में छूट की याचिका पर विचार करने को कहा था। 

बता दें कि 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।

प्रक्रियाओं के अनुसार, शीर्ष अदालत के निर्णयों के खिलाफ समीक्षा याचिकाओं का निर्णय उन न्यायाधीशों द्वारा संचलन द्वारा कक्षों में किया जाता है जो समीक्षाधीन निर्णय का हिस्सा थे। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ के समक्ष 13 दिसंबर को बानो की समीक्षा याचिका पर विचार के लिए आया था।

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शीर्ष अदालत के सहायक रजिस्ट्रार द्वारा बानो की वकील शोभा गुप्ता को भेजे गए एक संचार को पढ़ें, "मुझे आपको सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई समीक्षा याचिका को अदालत ने 13 दिसंबर, 2022 को खारिज कर दिया था।" गैंगरेप पीड़िता ने दोषियों में से एक द्वारा दायर याचिका पर शीर्ष अदालत के 13 मई के आदेश की समीक्षा की मांग की थी।

शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से नौ जुलाई, 1992 की अपनी नीति के तहत दोषियों की समय से पहले रिहाई की याचिका पर दो महीने के भीतर विचार करने को कहा था।
सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा छूट दी गई और 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया।

गुप्ता ने कहा कि पुनर्विचार याचिका पर आदेश अभी उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या बानो उपचारात्मक याचिका दायर करेंगी, उन्होंने कहा, "आदेश अभी तक अपलोड नहीं किया गया है। आदेश पर विचार करने के बाद, हम भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे।"

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TAGS: Bilkis Bano, Supreme Court, Gujrat goverment, Godhara Violence, GUJRAT RIOTS
OUTLOOK 17 December, 2022
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