राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर नये सिरे से हमला करते हुए आरोप लगाया था कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ‘‘लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट’’ है। उन्होंने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र की ‘‘मैच फिक्सिंग’’ अब आगे बिहार में होगी और वहां होगी जहां भाजपा हार रही है।
राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने आरोप लगाया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एक सुनियोजित साजिश के तहत लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला कर रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में हारने वाली है।
भंडारी ने आरोप लगाया कि राहुल चुनावी प्रक्रिया में लोगों के विश्वास को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वह अपनी पार्टी के पक्ष में जनता का समर्थन हासिल करने में असमर्थ हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता को ‘‘लोकतंत्र विरोधी’’ करार दिया।
कांग्रेस नेता के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘ राहुल गांधी जानते हैं कि वह बिहार में हार रहे हैं और हमेशा की तरह उन्होंने एक सुनियोजित साजिश का सहारा लिया है: अपनी हार को रोकने के लिए लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला करना।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वह लोगों का विश्वास जीतने में विफल रहने के बाद अब चुनावी प्रक्रिया में ही लोगों के विश्वास को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ भंडारी ने आरोप लगाया, ‘‘राहुल गांधी लोकतंत्र विरोधी हैं।’’
भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी के आरोपों की आलोचना करते हुए कहा कि वह जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया के बारे में मतदाताओं के मन में संदेह और असंतोष के बीज बोने का बार-बार प्रयास कर रहे हैं।
मालवीय ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी को यह समझ नहीं है कि चुनावी प्रक्रिया कैसे काम करती है। वह इसे बहुत अच्छी तरह समझते हैं। लेकिन उनका लक्ष्य स्पष्टता नहीं है; यह अराजकता है। हमारी संस्थागत प्रक्रियाओं को लेकर मतदाताओं के मन में संदेह और भ्रम के बीज बोने के उनके बार-बार किए जा रहे प्रयास सुनियोजित हैं।''
भाजपा नेता ने रेखांकित किया कि जब कांग्रेस चुनाव जीतती है, चाहे वह तेलंगाना हो या कर्नाटक तब उसी प्रणाली की ‘‘निष्पक्ष और न्यायपूर्ण’’ कहकर प्रशंसा की जाती है।
मालवीय ने कहा, ‘‘ लेकिन जब वे हार जाते हैं - हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र तक - तो रोना-धोना और षड्यंत्र का विमर्श शुरू हो जाता हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सीधे जॉर्ज सोरोस की रणनीति है - लोगों के अपने ही संस्थानों पर विश्वास को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर करना, ताकि उन्हें भीतर से तोड़कर राजनीतिक लाभ उठाया जा सके।’’
मालवीय ने कहा, ‘‘भारत का लोकतंत्र मजबूत है। इसकी संस्थाएं सुदृढ़ हैं। और भारतीय मतदाता समझदार है। किसी भी तरह की हेराफेरी से इसमें कोई बदलाव नहीं आएगा।’’
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ‘‘लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट’’ थे। उन्होंने कहा कि यह ‘‘मैच फिक्सिंग’’ अब बिहार में भी दोहराई जाएगी और फिर उन जगहों पर भी ऐसा ही किया जाएगा, जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हार रही होगी।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘मैच फिक्स’’ किए गए चुनाव लोकतंत्र के लिए जहर हैं। उन्होंने कहा कि जो पक्ष धोखाधड़ी करता है, वो भले ही जीत जाए, लेकिन इससे लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होती हैं और जनता का नतीजों से भरोसा उठ जाता है।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव में कथित अनियमितता के बारे में चरणबद्ध तरीके से बताया है कि कैसे मतदाता सूची में फर्जी मतदाता जोड़े गए, मतदान प्रतिशत बढ़ा चढ़ा कर दिखाए गए, फर्जी मतदान कराए गए और बाद में सबूत छिपाए गए।
गांधी ने ‘दैनिक जागरण’ और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार में प्रकाशित लेख की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘‘चुनाव की चोरी का पूरा खेल! 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था।’’
गांधी ने कहा, ‘‘ये समझना बिल्कुल मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में भाजपा इतनी बौखलाई हुई क्यों थी। चुनाव में धांधली भी मैच फिक्सिंग की तरह होती है, जो पक्ष धोखाधड़ी करता है, वो भले ही जीत जाए, लेकिन इससे लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होती हैं और जनता का नतीजों से भरोसा उठ जाता है। हर जिम्मेदार नागरिक को सबूतों को खुद देखना चाहिए, सच्चाई समझनी चाहिए और जवाब मांगने चाहिए’’
भंडारी ने राहुल के आरोप पर कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच मतदाताओं की संख्या में वृद्धि एक नियमित प्रशासनिक प्रवृत्ति है, न कि कोई साजिश। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने के लिए ‘‘झूठ फैला रहे हैं’’।
भंडारी ने गांधी के दावों को ‘‘असंगत और सुनियोजित’’ करार देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता ने 19 जनवरी को दावा किया था कि एक करोड़ फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं, फिर उन्होंने तीन फरवरी को यह आंकड़ा बदलकर 70 लाख कर दिया और सात फरवरी को इसे घटाकर 39 लाख कर दिया।
भंडारी ने सवाल किया, ‘‘कांग्रेस के एक प्रतिशत उम्मीदवारों ने भी औपचारिक रूप से फॉर्म 17सी का उपयोग करके शिकायत दर्ज नहीं कराई - जो ईवीएम आंकड़ों को चुनौती देने का कानूनी तरीका है। अगर कांग्रेस वास्तव में मानती थी कि नतीजों में धांधली हुई है, तो उसके उम्मीदवारों ने फॉर्म 17सी डेटा के साथ जिलाधिकारी से संपर्क क्यों नहीं किया?’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘क्योंकि यह साक्ष्य का मामला नहीं है, यह विमर्श की लड़ाई का मामला है।’’