कनाडा चुनाव 2025: खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह को बड़ा झटका, एनडीपी को मिली एकल अंकों में सीटें
कनाडा के 2025 के संघीय चुनावों में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) और उसके नेता जगमीत सिंह को भारी नुकसान हुआ है। पार्टी की सीटें एकल अंकों में सिमट गईं, जिससे उसे आधिकारिक पार्टी का दर्जा भी खोना पड़ा। इससे पहले, NDP के पास 25 सीटें थीं, लेकिन अब वह 12 सीटों का न्यूनतम आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई। इसका मतलब है कि पार्टी को संसद में कम प्रतिनिधित्व मिलेगा, संसदीय फंडिंग में कमी आएगी और हाउस ऑफ कॉमन्स में बोलने का समय भी सीमित होगा।
वहीं, प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने चुनाव में जीत हासिल की है और वह अल्पमत सरकार बनाने जा रहे हैं। इस जीत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कनाडा के प्रति आक्रामक रुख और व्यापारिक तनावों का भी बड़ा हाथ रहा है। लिबरल पार्टी को बहुमत के लिए 172 सीटों की आवश्यकता थी, जबकि उन्हें 165 सीटें मिलीं, जिससे उन्हें गठबंधन की आवश्यकता होगी।
चुनाव परिणामों के बाद, जगमीत सिंह ने पार्टी नेतृत्व से इस्तीफा देने की घोषणा की, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे एक अंतरिम नेता की नियुक्ति तक पद पर बने रहेंगे। उन्होंने कहा, "हम तब तक हार नहीं मानते जब तक हम यह नहीं मानते कि हम एक बेहतर कनाडा का सपना नहीं देख सकते।"
NDP की इस हार के पीछे कई कारण हैं। कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलिवरे और लिबरल पार्टी के नए नेता मार्क कार्नी ने उन मतदाताओं को आकर्षित किया, जो पारंपरिक रूप से NDP को वोट देते थे। इसके अलावा, जगमीत सिंह की खालिस्तान समर्थक छवि और उनके नेतृत्व पर उठते सवालों ने भी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया।
जगमीत सिंह ने 2017 में NDP की कमान संभाली थी और वह कनाडा की किसी प्रमुख पार्टी के पहले सिख नेता बने थे। उनकी नेतृत्व शैली और राजनीतिक दृष्टिकोण ने उन्हें एक विशिष्ट पहचान दिलाई, लेकिन हाल के वर्षों में उनके निर्णयों और बयानों ने पार्टी की स्थिति को कमजोर किया।
इस चुनावी परिणाम ने कनाडा की राजनीति में एक नया मोड़ लिया है, जहां लिबरल पार्टी एक बार फिर से प्रमुख भूमिका में लौट रही है और NDP को अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।