जेएनयू के ‘लोगो’ में बदलाव, जुड़ेगा आदर्श वाक्य ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के ‘लोगो’ में अब इसका आदर्श वाक्य ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ जोड़ा जाएगा और इसे पेटेंट के लिए पंजीकृत किया जाएगा। जेएनयू के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कार्यकारी परिषद की बैठक में ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ आदर्श वाक्य को शामिल करने के लिए विश्वविद्यालय के पुराने, अपंजीकृत लोगो को संशोधित करने का निर्णय सर्वसम्मति से पारित किया गया।
कुलपति ने कहा, ‘‘हम कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं। पुराना लोगो पंजीकृत नहीं था। हम अपने आदर्श वाक्य के साथ उसी लोगो को पंजीकृत कर रहे हैं। इस प्रस्ताव को कार्यकारी परिषद द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया है।’’ जेएनयू की कार्यकारी परिषद की बैठक 24 नवंबर को आयोजित हुई थी। इस बीच, प्रशासन ने रिसाव की समस्या से जूझ रहे कई छात्रावास की छतों की ‘वॉटर प्रूफिंग’ (पानी के रिसाव से बचाने के लिए किया जाने वाला मरम्मत कार्य) का काम शुरू कर दिया है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पंजीयक (रजिस्ट्रार) रविकेश ने पीटीआई से कहा, ‘‘ कई छात्रावासों, शैक्षणिक भवन और कर्मचारियों के क्वार्टरों में मरम्मत और नवीनीकरण का काम चल रहा है और इसके लिए निविदाएं जारी की गई हैं।" जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डी के लोबियाल ने कहा कि कई छात्रावासों की छतों में पानी के रिसाव की समस्या को दूर करने के लिए ‘रूफवाटर प्रूफिंग’ का काम किया जा रहा है।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पिछले साल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को विभिन्न परियोजनाओं के लिए 28 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसमें शैक्षणिक भवनों, छात्रावासों और स्टाफ क्वार्टरों की संरचनात्मक मरम्मत और नवीकरण पर काम शामिल था। मरम्मत और नवीनीकरण का यह काम केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया था।