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08 December 2023

प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, "मैं कानून और संविधान का सेवक हूं"

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि एक न्यायाधीश के रूप में वह कानून और संविधान के ‘सेवक’ हैं।ज ब प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ आज की कार्यवाही के लिए बैठी तो अधिवक्ता मैथ्यूज जे. नेदुम्पारा ने अदालत के समक्ष एक मामले का उल्लेख किया।

वकील ने पीठ के समक्ष कॉलेजियम प्रणाली में सुधारों की जरूरत और वरिष्ठ अधिवक्ता पद समाप्त किये जाने की जरूरत का उल्लेख किया। पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल रहे।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘आपको अपने दिल की बात सुनने की आजादी है। प्रधान न्यायाधीश के रूप में, बल्कि इससे भी अधिक महत्वपूर्ण, एक न्यायाधीश के रूप में मैं कानून और संविधान का सेवक हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है, मुझे उसका पालन करना होगा। मैं यह नहीं कह सकता कि मुझे यह पसंद है और मैं यह करुंगा।’’

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शीर्ष अदालत ने इस साल अक्टूबर में वरिष्ठ अधिवक्ता के पद को चुनौती देने वाली एक याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि पदनाम देने का।परंपरा मनमानी नहीं है।

डी.वाई. चंद्रचूड़ वर्तमान में भारत के चीफ जस्टिस हैं और 9 नवंबर 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और मुंबई हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश भी रह चुके हैं। चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को भारत के सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त हुए।

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TAGS: Chief Justice Chandrachud, DY ChandraChud, Draupadi Murmu, Chief justice on collegium, Constitution of India, Supreme Court
OUTLOOK 08 December, 2023
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