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19 May 2025

चीन ने पाकिस्तान को दिया सैटेलाइट सपोर्ट, भारत की निगरानी में जुटा है ड्रैगन: रिपोर्ट

चीन और पाकिस्तान की गहरी होती रणनीतिक साझेदारी अब अंतरिक्ष तक पहुंच चुकी है। एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने पाकिस्तान को न केवल सैन्य सैटेलाइट उपलब्ध कराए हैं, बल्कि भारतीय सीमाओं और रणनीतिक ठिकानों की निगरानी के लिए तकनीकी सहायता भी दी है। यह खुलासा भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज़ से बेहद गंभीर माना जा रहा है।

सैटेलाइट से जासूसी की तैयारी रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान को Yaogan सीरीज के उपग्रहों की सहायता से उन्नत निगरानी क्षमता प्रदान की है। Yaogan सैटेलाइट्स मुख्य रूप से सैन्य इस्तेमाल के लिए तैयार किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल खुफिया जानकारी जुटाने, लक्ष्य पहचानने और दुश्मन की गतिविधियों पर नज़र रखने में किया जाता है।

इन उपग्रहों के ज़रिए पाकिस्तान को लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पश्चिमी भारत की संवेदनशील जगहों की रियल टाइम इमेजरी मिल रही है। चीन इस डेटा को साझा कर भारत के खिलाफ ‘सामूहिक निगरानी नेटवर्क’ खड़ा कर रहा है।

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भारत के खिलाफ 'जॉइंट स्ट्रैटेजिक विज़न' विशेषज्ञों का मानना है कि चीन और पाकिस्तान अब केवल थल और जल सीमाओं पर ही नहीं, बल्कि स्पेस डोमेन में भी भारत के खिलाफ समन्वित रणनीति अपना रहे हैं। चीन, पाकिस्तान को तकनीक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक सहायता दे रहा है ताकि वह अपने सैटेलाइट और अंतरिक्ष निगरानी प्रणाली को मजबूत कर सके।

स्पेस बेस्ड खतरों पर भारत की चिंता भारत के रणनीतिक हलकों में इस रिपोर्ट के बाद गंभीर चिंता जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिर्फ एक तकनीकी साझेदारी नहीं, बल्कि एक ‘स्पेस वारफेयर मॉडल’ का हिस्सा है, जिसमें भारत की सैन्य गतिविधियों, मिसाइल परीक्षणों और इन्फ्रास्ट्रक्चर की निगरानी की जा रही है।

भारत पहले ही ‘स्पेस डिफेंस एजेंसी’ और ‘इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ’ के तहत सैटेलाइट आधारित निगरानी और सुरक्षा ढांचा तैयार कर रहा है। लेकिन चीन-पाक गठजोड़ इस दिशा में भारत को नई चुनौतियाँ दे सकता है।

चीन की डुअल यूज़ रणनीति रिपोर्ट यह भी बताती है कि चीन द्वारा बनाए गए कई सैटेलाइट "डुअल यूज़" यानी नागरिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इस तरह के सैटेलाइट ग्लोबल लॉजिक से तो नागरिक मिशन माने जाते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल जासूसी और सटीक हमलों के लिए भी होता है।

भारत के लिए चेतावनी यह रिपोर्ट भारत के लिए चेतावनी है कि आने वाले समय में सिर्फ सीमाओं की रक्षा ही पर्याप्त नहीं होगी। अंतरिक्ष, साइबर और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर जैसे नए मोर्चों पर भी तैयारी ज़रूरी है। चीन और पाकिस्तान की यह संयुक्त अंतरिक्ष गतिविधि दर्शाती है कि भविष्य के युद्ध अब ‘आसमान से तय होंगे’, और वहां बढ़त बनाने की दौड़ पहले ही शुरू हो चुकी है।

 

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TAGS: China, Pakistan, satellite support, space surveillance, Yaogan satellites, India-Pakistan-China relations, strategic partnership, space warfare, military satellites, intelligence sharing, border monitoring
OUTLOOK 19 May, 2025
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