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24 May 2025

शिकायतकर्ता अपने बयान से पलटा, कम्प्यूटर बाबा पांच साल पुराने मामले में सभी आरोपों से बरी

इंदौर की जिला अदालत ने धार्मिक नेता कम्प्यूटर बाबा को वर्ष 2020 के दौरान एक ग्राम पंचायत सचिव के साथ मारपीट, सरकारी काम में बाधा डालने और अन्य आरोपों से शुक्रवार को बरी कर दिया।

विशेष न्यायाधीश डीपी मिश्रा ने कम्प्यूटर बाबा को भारतीय दंड विधान की धारा 186 (लोक सेवक के सरकारी कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालना), धारा 353 (लोक सेवकों को भयभीत कर उन्हें उनके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिये उन पर हमला), धारा 323 (मारपीट), धारा 294 (गाली-गलौज) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत लगाए गए आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि करीब पांच साल पहले दर्ज मामले में कम्प्यूटर बाबा पर लगाए गए ये आरोप ‘‘पूर्णतः अप्रमाणित’’ पाए गए हैं।

कम्प्यूटर बाबा पर यह मामला इंदौर के गांधी नगर थाना क्षेत्र की एक ग्राम पंचायत के सचिव की रिपोर्ट पर 12 नवंबर 2020 को दर्ज किया गया था। यह सचिव अनुसूचित जाति वर्ग से ताल्लुक रखता है।

ग्राम पंचायत सचिव की दर्ज कराई प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि कम्प्यूटर बाबा ने आठ नवंबर 2020 को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उसके साथ अभद्रता, मारपीट और गाली-गलौज की थी, जब वह एक सामुदायिक भवन पर धार्मिक नेता का अवैध कब्जा हटाने गया था।

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अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के मामलों की विशेष अदालत में गवाही के दौरान ग्राम पंचायत सचिव, पुलिस को दिए अपने मूल बयान से पलट गया।

अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान कम्प्यूटर बाबा ने तमाम आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि ‘‘वह बेगुनाह हैं और उन्हें झूठे मामले में राजनीतिक आधार पर फंसाया गया।’’

कम्प्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी है। उन्हें प्रदेश की भाजपा और कांग्रेस की पिछली सरकारों ने अलग-अलग निकायों में शामिल करते हुए राज्य मंत्री के दर्जे से नवाजा था। ये निकाय नर्मदा, क्षिप्रा और मन्दाकिनी सरीखी नदियों की हिफाजत के साथ ही जल संरक्षण तथा स्वच्छता के विषयों पर जन जागरूकता फैलाने के लिए गठित किए गए थे।

पुलिस और प्रशासन के दल ने इंदौर शहर से सटे जम्बूर्डी हप्सी गांव में सरकारी जमीन पर बने कम्प्यूटर बाबा के आश्रम को आठ नवंबर 2020 को अवैध बताकर जमींदोज कर दिया था। इसके साथ ही, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद कम्प्यूटर बाबा को 19 नवंबर 2020 को जेल से रिहा किया गया था।

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TAGS: Computer Baba, Indore court, acquitted, SC/ST Act, assault case, false accusation, political vendetta, government land, Panchayat secretary, unlawful demolition
OUTLOOK 24 May, 2025
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