कांग्रेस का बयान, भाजपा सांसद पर नहीं, गृह मंत्री के बयान की मांग करने वाले विपक्षी सांसदों पर कार्रवाई हुई
कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि यह विडंबना है कि लोकसभा में दर्शक दीर्घा से कूदने वाले व्यक्तियों को प्रवेश दिलाने में मददगार रहे भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन दोनों सदनों में गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग करने वाले विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘यह विडंबना है कि 13 दिसंबर को दो आरोपियों को लोकसभा में प्रवेश दिलाने में मदद करने वाले भाजपा सांसद (सिम्हा) अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं। जबकि उस भाजपा सांसद की भूमिका पर गृहमंत्री से बयान देने की मांग करने वाले, विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के, दोनों सदनों के 93 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।’’
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘मोदी है तो यही है!’’ संसद में सोमवार 78 विपक्षी सांसदों को आसन की अवमानना तथा अशोभनीय आचरण के आरोप में निलंबित कर दिया गया, जो संसदीय इतिहास में एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।गत 13 दिसंबर को 33 सदस्यों और राज्यसभा से 45 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। पिछले बृहस्पतिवार से दोनों सदनों से निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 92 हो गई है।
दूसरी तरफ, राज्यसभा में आज भी नारेबाजी और हंगामा हुआ जिसके कारण सदन की कार्यवाही पहले बारह बजे और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी जिससे शून्यकाल और प्रश्नकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी। सभापति जगदीप धनखड़ सुबह के स्थगन के बाद बारह बजे जैसे ही सदन में पहुंचे विपक्षी सदस्यों ने जोर जोर से बोलते हुए अपनी मांग रखी।
सभापति ने सदस्यों के आचरण पर अफसोस जताते हुए कहा कि सदन में सदस्यों का आचरण बहुत नीचे गिर गया है और गिरावट की भी हद होती है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि सदन के एक वरिष्ठ सदस्य दूसरे सदस्य की वीडियोग्राफी कर रहे हैं और आसन की नकल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत शर्मनाक आचरण है। विपक्षी सदस्य इस बीच जोर जोर से अपनी बात रखते रहे। इसी बीच सभापति ने कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी