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14 November 2024

दिल्ली वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट याचिका पर 18 नवंबर को सुनवाई करेगा

दिल्ली में वायु प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुंच गया है। इसको लेकर राजनीतिक दल सियासी रोटियां भी सेकना शुरू कर चुके हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट यानी उच्चतम न्यायालय भी हरकत में आ गया है। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उपायों को लागू करने का अनुरोध करने वाली याचिका को 18 नवंबर के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने पर बृहस्पतिवार को सहमति व्यक्त की।

न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर न बन जाये इसलिए याचिका को तत्काल सूचीबद्ध किया जाये। इसके बाद न्यायालय ने दिल्ली में प्रदूषण से संबंधित याचिका पर 18 नवंबर को सुनवाई करने पर सहमति जताई।

वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह, जिन्हें न्यायमित्र नियुक्त किया गया है, ने न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ से दिल्ली में मौजूदा स्थिति को देखते हुए तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था।

सिंह ने पीठ से कहा, ‘‘कल से हम गंभीर स्थिति में हैं। इस स्थिति से बचने के लिए ही इस अदालत ने उन्हें एहतियाती कदम उठाने को कहा है। उन्होंने कुछ नहीं किया। दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर नहीं बनना चाहिए।’’

न्याय मित्र ने पीठ को बताया कि उन्होंने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को इस बारे में सूचित कर दिया है और उन्हें यह बताना चाहिए कि क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

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पीठ ने कहा कि वह इस मामले में 18 नवंबर को सुनवाई करेगी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 428 था, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘दिल्ली के 39 निगरानी स्टेशनों में से 32 में आईक्यू का स्तर 400 के पार रहने से यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर श्रेणी’ में दर्ज किया गया। इन स्टेशनों में आनंद विहार, अशोक विहार, आईजीआई हवाईअड्डा, आईटीओ, मंदिर मार्ग, नॉर्थ कैंपस, पटपड़गंज, पंजाबी बाग और पूसा शामिल हैं।’’

दिल्ली में बुधवार को देश में सर्वाधिक खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई जो इस मौसम में पहली बार ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है।

दिल्ली में बुधवार शाम तक 24 घंटे का एक्यूआई 418 रहा और एक दिन पहले यह 334 था। एक्यूआई हर दिन शाम को चार बजे दर्ज किया जाता है।

एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401-500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

उच्चतम न्यायालय ने 11 नवंबर को कहा था कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को प्रोत्साहित नहीं करता।

न्यायालय ने कहा था कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।

उच्चतम न्यायालय एमसी मेहता की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है।

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TAGS: Delhi air pollution, Air pollution in Delhi, Supreme Court, Air pollution petition, AAP
OUTLOOK 14 November, 2024
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