दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला, बोलीं, ‘ये सब कभी मेरा हौसला नहीं तोड़ सकते’
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर शुक्रवार सुबह जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान हुए हमले ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना सुबह करीब 8:15 बजे सिविल लाइंस कैंप कार्यालय में हुई, जब आरोपी साकरिया राजेशभाई खीमजीभाई, जो गुजरात के राजकोट का 41 वर्षीय निवासी है, अचानक मुख्यमंत्री के पास पहुंचा और उन पर हमला कर दिया।
मुख्यमंत्री ने घटना के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “आज सुबह जनसुनवाई के दौरान मुझ पर हुआ हमला केवल मुझ पर नहीं बल्कि दिल्ली की जनता की सेवा और कल्याण के हमारे संकल्प पर कायरतापूर्ण हमला था। इस हमले ने मुझे क्षणभर के लिए स्तब्ध कर दिया, लेकिन अब मैं बेहतर महसूस कर रही हूँ। ऐसे हमले कभी मेरा हौसला और जनता की सेवा करने का मेरा संकल्प नहीं तोड़ सकते। अब मैं आप सबके बीच और अधिक ऊर्जा और समर्पण के साथ रहूँगी। जनता की समस्याओं के समाधान और जनसुनवाई की प्रक्रिया पहले की ही तरह गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ जारी रहेगी। आपका विश्वास और समर्थन मेरी सबसे बड़ी ताकत है।”
दिल्ली के लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री के हाथ, कंधे और सिर पर चोटें आई हैं। दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा में पाया कि हमला और सुरक्षा बलों की कार्रवाई कुल 80 सेकंड तक चली। जांचकर्ताओं के अनुसार आरोपी ने कतार तोड़कर दस्तावेजों के साथ मुख्यमंत्री के करीब पहुंचते ही पहले उन्हें थप्पड़ मारा, जिससे वह दीवार से टकराईं, फिर उनके बाल खींचे। तभी सुरक्षा कर्मियों और मौजूद लोगों ने उसे काबू कर लिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी ने हमले से एक दिन पहले मुख्यमंत्री के शालीमार बाग स्थित आवास की रेकी भी की थी और रात वहीं आसपास बिताई थी। पूछताछ में उसकी मां ने दावा किया है कि बेटा दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में आए आवारा कुत्तों से संबंधित आदेश का विरोध करने पहुंचा था।
पुलिस अधिकारियों ने इस घटना को “गंभीर हमला” करार देते हुए कहा कि यह जानलेवा भी साबित हो सकता था। आरोपी के खिलाफ पहले से पाँच आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें दो चाकूबाजी और तीन आबकारी एक्ट से जुड़े हैं। वर्तमान में आरोपी को आईबी, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और अन्य खुफिया एजेंसियां मिलकर पूछताछ कर रही हैं।
इस हमले ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। भाजपा नेताओं ने इसे लोकतंत्र और जनता की आवाज़ पर हमला बताया, वहीं विपक्षी दलों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।