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16 November 2022

दिल्ली हाईकोर्ट ने बिजली को एक आवश्यक सेवा, कहा- किसी भी व्यक्ति को इससे वंचित नहीं किया जा सकता

ANI

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि बिजली एक आवश्यक सेवा है और बिना ठोस और कानूनी कारण के किसी व्यक्ति को इससे वंचित नहीं किया जा सकता।

अदालत ने कहा कि जब किसी संपत्ति के स्वामित्व पर विवाद होता है, तब भी अधिकारी मालिक होने का दावा करने वालों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) पर जोर देकर उसके कानूनी कब्जे वाले को बिजली से वंचित नहीं कर सकते हैं।

न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने 14 नवंबर के एक आदेश में कहा, "इसमें कोई दोराय नहीं है कि बिजली एक आवश्यक सेवा है, जिससे किसी व्यक्ति को बिना ठोस, वैध कारण के वंचित नहीं किया जा सकता है।

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अदालत की यह टिप्पणी दो वरिष्ठ नागरिकों की उस याचिका पर आई थी, जिसमें उन्होंने बीएसईएस-वाईपीएल को उस परिसर में नया बिजली मीटर लगाने का निर्देश देने की मांग की थी, जिसमें वे रह रहे थे।

याचिकाकर्ताओं की शिकायत थी कि मीटर लगाने के लिए बीएसईएस-वाईपीएल याचिकाकर्ताओं में से एक के भाइयों से एनओसी मांग रहा था, जिसके साथ वे संपत्ति के बंटवारे को लेकर एक अदालती मामले में उलझे हुए थे।

अदालत ने कहा कि वर्तमान में, याचिकाकर्ताओं को पार्टियों के बीच एक व्यवस्था के अनुसार संपत्ति के अपने हिस्से में बिजली की आपूर्ति मिल रही थी, लेकिन इसके कारण कई विवाद हुए।

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TAGS: Delhi high court, Electricity essential, Judgment, Dispute
OUTLOOK 16 November, 2022
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