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30 August 2025

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तबाही: 25 बादल फटने और 9 भूस्खलन में 122 से अधिक की मौत, सौ से ज्यादा लापता

प्रतीकात्मक तस्वीर

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख इस समय प्राकृतिक आपदाओं की भयावह श्रृंखला से जूझ रहे हैं। क्षेत्र में पिछले महीने 25 बादल फटने (क्लाउडबर्स्ट) और 9 भूस्खलनों ने कम से कम 122 लोगों की जान ले ली है, जबकि 100 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यह असाधारण बारिश और चरम मौसम हिमालयी जलवायु में बदलाव और वैश्विक तापमान वृद्धि का परिणाम है।

इस वर्ष की मानसून बारिश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पहले की तुलना में कहीं अधिक तीव्र रही। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, क्षेत्र में लगातार विनाशकारी घटनाएं हुई हैं और स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। मेघ विज्ञान विभाग के निदेशक डॉ. मुख़्तर अहमद ने कहा, “मानसून बेहद सक्रिय है, और अगले सप्ताह भी भारी बारिश की संभावना है।”

शुक्रवार रात को रामबन के राजगढ़ गांव में एक बादल फटने की घटना हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हुई और एक व्यक्ति अभी भी लापता है। यह पिछले महीने जम्मू-कश्मीर में 25वां क्लाउडबर्स्ट था। इन घटनाओं ने बुनियादी ढांचे, कृषि क्षेत्रों और घरों को भारी नुकसान पहुंचाया है, खासकर दूरदराज के जिलों में।

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भूस्खलनों ने भी गंभीर तबाही मचाई। रियासी जिले के महोरे में एक भूस्खलन में सात लोग मारे गए, जिनमें एक परिवार और उनके पांच बच्चे शामिल थे।

किस्तवार, कठुआ, डोडा, रियासी, सोनमर्ग और राजगढ़ में सबसे विनाशकारी बादल फटने की घटनाएं हुईं। इन आपदाओं ने सड़कों, संचार नेटवर्क और प्रमुख तीर्थ स्थलों जैसे वैष्णो देवी और मचैल माता यात्राओं को भी बाधित किया, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और तीर्थ यात्रियों को भारी नुकसान हुआ।

इस आपदा के कारण 350 से अधिक लोग घायल हुए हैं और आर्थिक नुकसान सैकड़ों करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन इस बढ़ती संवेदनशीलता का मुख्य कारण है। डॉ. मुख़्तर अहमद ने बताया, “ग्लोबल तापमान बढ़ने से वायुमंडलीय नमी की क्षमता बढ़ती है, जिससे भारी बारिश की घटनाएं अधिक तीव्र होती हैं।”

हिमालयी ढलानों और सक्रिय मानसून के कारण जम्मू-कश्मीर क्षेत्र क्लाउडबर्स्ट के लिए अत्यंत संवेदनशील है। हाल के रुझान बताते हैं कि उच्च तीव्रता वाली अल्पकालिक बारिश की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

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TAGS: Jammu and Kashmir, Ladakh, cloudbursts, landslides, extreme rainfall, climate change, Himalayan weather, disaster management
OUTLOOK 30 August, 2025
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