क्या पावर फेल्योर बना प्लेन क्रैश की वजह? जांच में सामने आ रहे हैं चौंकाने वाले खुलासे
भारत में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में नई जानकारी सामने आई है। यह हादसा 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रहे फ्लाइट AI-171 के साथ हुआ। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के 30 सेकंड बाद ही क्रैश हो गया। इसमें 241 यात्रियों और कई अन्य लोगों की मौत हुई।
जांच में पता चला कि हादसे की वजह पायलट की गलती नहीं थी। शुरुआती नतीजे बताते हैं कि टेकऑफ के तुरंत बाद विमान में बिजली की गंभीर समस्या हुई। इस वजह से विमान की मुख्य बिजली प्रणाली काम नहीं कर पाई। विमान केवल 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा और फिर नीचे गिर गया।
जांचकर्ताओं ने ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) को बरामद किया है। इससे हादसे की असल वजह का पता चलेगा। अभी तक यह साफ नहीं है कि ब्लैक बॉक्स को विश्लेषण के लिए विदेश भेजा जाएगा या नहीं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि इस बारे में फैसला तकनीकी और सुरक्षा पहलुओं को देखकर होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि विमान का रैम एयर टरबाइन (RAT) चालू हुआ था। यह एक आपातकालीन प्रणाली है जो बिजली की कमी होने पर विमान को चलाने में मदद करती है। लेकिन कम ऊंचाई की वजह से यह कारगर नहीं हो पाया।
कुछ लोग मान रहे हैं कि दोनों इंजनों में खराबी आई हो सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा होना बहुत दुर्लभ है। एक अन्य थ्योरी यह है कि विमान के फ्लैप्स या लैंडिंग गियर में समस्या हो सकती है। जांच में इन सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है।
भारत सरकार ने एयर इंडिया के सभी बोइंग 787 विमानों की सुरक्षा जांच के आदेश दिए हैं। अब तक 24 विमानों की जांच हो चुकी है और कोई बड़ी खामी नहीं मिली। लेकिन रखरखाव और समन्वय में कुछ कमियां पाई गई हैं।
यह हादसा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा है। जांच में भारत, अमेरिका और ब्रिटेन के विशेषज्ञ शामिल हैं। ब्लैक बॉक्स के डेटा से जल्द ही और जानकारी मिलने की उम्मीद है।