डिजिटल इंडिया की 10 साल की यात्रा: पीएम मोदी बोले, यह अब जन-जन का आंदोलन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे होने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह अब एक जन-आंदोलन बन चुका है। यह बात उन्होंने 1 जुलाई 2025 को लिंक्डइन पर एक ब्लॉग में लिखी। डिजिटल इंडिया की शुरुआत 1 जुलाई 2015 को हुई थी। इसका मकसद था तकनीक को हर नागरिक तक पहुंचाना।
मोदी ने कहा, “पहले लोग सोचते थे कि भारतीय तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर सकते। हमने इस सोच को बदला।” 2014 में भारत में सिर्फ 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे। आज यह संख्या 97 करोड़ से ज्यादा है। ऑप्टिकल फाइबर ने दूरदराज के गांवों को जोड़ा। 5G नेटवर्क भी तेजी से फैला। दो साल में 4.81 लाख 5G बेस स्टेशन लगाए गए। गलवान, सियाचिन और लद्दाख जैसे सुदूर इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचा।
डिजिटल इंडिया ने सरकार और लोगों के बीच की दूरी कम की। UPI और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) ने डिजिटल पेमेंट को आसान बनाया। UPI दुनिया में रियल-टाइम डिजिटल लेनदेन का लगभग आधा हिस्सा संभालता है। इससे छोटे व्यापारी और किसान भी डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बने।
मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने गरीब और अमीर के बीच की खाई को कम किया। डिजिटल साक्षरता बढ़ी। सरकारी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हुईं। मायगव इंडिया जैसे प्लेटफॉर्म ने लोगों की भागीदारी बढ़ाई। भारत अब स्टार्टअप का बड़ा केंद्र है। डिजिटल अर्थव्यवस्था ने देश के जीडीपी में बड़ा योगदान दिया।
प्रधानमंत्री ने भविष्य की बात की। उन्होंने कहा, “अगला दशक और परिवर्तनकारी होगा। हम डिजिटल गवर्नेंस से ग्लोबल डिजिटल लीडरशिप की ओर बढ़ रहे हैं।” उन्होंने इनोवेटर्स और उद्यमियों से भारत को डिजिटल क्रांति का अगला केंद्र बनाने का आह्वान किया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी डिजिटल इंडिया की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला है। यह पहल अब भारत को दुनिया में तकनीकी नवाचार का भरोसेमंद साझेदार बना रही है।