एल्गार परिषद मामला: कोर्ट ने अंतरिम जमानत की कार्यकर्ता की याचिका पर एनआईए से मांगा जवाब, इस दिन होगी सुनवाई
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी कार्यकर्ता महेश राउत की एक याचिका पर निर्देश लेने को कहा। याचिका में राउत की दादी की मौत के बाद के अनुष्ठानों में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति अगस्टीन जॉर्ज मसीह की अवकाशकालीन पीठ ने मामले में सुनवाई के लिए 21 जून की तारीख तय की। पीठ ने राउत के वकील से पूछा, ‘‘अंतिम संस्कार 26 मई को था तो अब कौन से अनुष्ठान बचे हैं? आपने यह नहीं बताया कि ये कब होंगे ?’’
राउत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर देसाई ने कहा कि यह अंतरिम जमानत अर्जी उनकी दादी की मृत्यु के बाद कार्यक्रमों में शामिल होने के वास्ते गढ़चिरोली जाने के लिए दायर की गई है। शीर्ष अदालत ने राउत को जमानत देने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को लागू करने पर लगी रोक पिछले साल सितंबर में बढ़ा दी थी।
एनआईए ने 33 वर्षीय राउत को जमानत देने के बंबई उच्च न्यायालय के 21 सितंबर के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। राउत को जून 2018 में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। उच्च न्यायालय के 21 सितंबर के फैसले के बाद एनआईए के वकील ने इस आदेश को लागू करने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था ताकि जांच एजेंसी इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे सके।
मामला पुणे में 31 दिसंबर, 2017 को आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन से जुड़ा है जो पुणे पुलिस के अनुसार माओवादियों द्वारा प्रायोजित था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि सम्मेलन में भड़काऊ भाषण दिए गए जिसके बाद अगले दिन पुणे में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक पर हिंसा भड़क गई। मामले की जांच बाद में एनआईए ने की।