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22 March 2025

प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार, अद्वितीय लेखन शैली की है पहचान

प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को वर्ष 2024 के लिए 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है। भारतीय ज्ञानपीठ ने एक बयान में यह जानकारी दी।

वह हिंदी के 12वें साहित्यकार हैं, जिन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है। शुक्ल छत्तीसगढ़ राज्य के ऐसे पहले लेखक हैं, जिन्हें इस सम्मान से नवाजा जाएगा।

बयान के मुताबिक, प्रसिद्ध कथाकार एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रतिभा राय की अध्यक्षता में हुई प्रवर परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

बैठक में चयन समिति के अन्य सदस्य के रूप में माधव कौशिक, दामोदर मावजो, प्रभा वर्मा और डॉ. अनामिका, डॉ ए. कृष्णा राव, प्रफुल्ल शिलेदार, जानकी प्रसाद शर्मा और ज्ञानपीठ के निदेशक मधुसूदन आनंद शामिल थे।

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लेखक, कवि और उपन्यासकार शुक्ल (88 वर्ष) की पहली कविता 1971 में ‘लगभग जयहिंद’ शीर्षक से प्रकाशित हुई थी। उनके मुख्य उपन्यासों में ‘नौकर की कमीज’, ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ और ‘खिलेगा तो देखेंगे’ शामिल हैं।

उनका लेखन सरल , गहरी संवेदनशीलता और अद्वितीय शैली के लिये जाना जाता है। वह मुख्य रूप से हिंदी साहित्य में अपने प्रयोगधर्मी लेखन के लिये प्रसिद्ध हैं।

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TAGS: Jnanpith Award, Vinod Kumar Shukla, Indian literature, Hindi literature, Diwar me khidki rahti hai
OUTLOOK 22 March, 2025
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