हाउस अरेस्ट का लाभ उठा सकते हैं गौतम नवलखा, कोर्ट ने साल्वेंसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता को किया समाप्त
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कार्यकर्ता गौतम नवलखा की नवी मुंबई की तलोजा जेल से रिहाई की बाधा को दूर कर दिया, जहां वह एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में बंद हैं। कोर्ट ने हाउस अरेस्ट का लाभ लेने के लिए सॉल्वेंसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता को समाप्त कर दिया।
शीर्ष अदालत ने 10 नवंबर को नवलखा को उनके बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण नजरबंद करने की अनुमति दी थी। इसने कहा था कि हाउस अरेस्ट की सुविधा का लाभ उठाने के लिए नवलखा 14 नवंबर तक 2 लाख रुपये की स्थानीय जमानत प्रदान करेंगे।
न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ को नवलखा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामकृष्णन और अधिवक्ता शादान फरासत ने मंगलवार को सूचित किया कि जमानत के संबंध में जमानत प्रमाणपत्र हासिल करने में कम से कम छह सप्ताह का समय लगेगा।
पीठ ने कहा, ''प्रतिवेदन और परिस्थितियों पर विचार करते हुए, हम याचिकाकर्ता (नवलखा) के लिए 10 नवंबर, 2022 के हमारे आदेश का लाभ उठाने के लिए सॉल्वेंसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता को माफ करना उचित समझते हैं। यह उसी के अनुसार आदेश दिया जाता है।''