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07 December 2024

1984 सिख विरोधी दंगे: सुप्रीम कोर्ट ने सजा निलंबित करने की पूर्व पार्षद की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर द्वारा दायर उस याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा है, जिसमें उन्होंने अपनी आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को दोषी के आचरण और व्यवहार पर जेल अधिकारियों से प्रमाण पत्र प्राप्त करने का निर्देश दिया। भाटी ने अदालत को बताया कि खोखर की जमानत अर्जी पहले तीन बार खारिज हो चुकी है।

खोखर के अलावा, पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार भी इस मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। इस मामले में पूर्व विधायक महेंद्र यादव की मंडोली जेल में कोविड से मौत हो गई, जिन्हें 10 साल की सजा सुनाई गई थी। 17 दिसंबर, 2018 को दोषी ठहराए जाने के बाद से कुमार और खोखर तिहाड़ जेल में बंद हैं।

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2018 में खोखर की सजा को बरकरार रखा और 2013 में निचली अदालत द्वारा कुमार को बरी करने के फैसले को पलट दिया।

यह मामला 1-2 नवंबर, 1984 को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के पालम कॉलोनी के राज नगर पार्ट-1 में पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे को जलाने से संबंधित है।

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TAGS: 1984 anti-Sikh riots, Supreme Court, CBI's response, former councilor's plea, suspend sentence
OUTLOOK 07 December, 2024
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