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20 December 2018

1984 सिख विरोधी दंगा: दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे सज्जन कुमार, सरेंडर के लिए मांगा 30 दिन का समय

File Photo

1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद पूर्व सांसद सज्जन कुमार ने बृहस्पतिवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सज्जन कुमार ने याचिका में मांग की है कि उन्हें सरेंडर करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाए। इस केस की सुनवाई कल हो सकती है।

सज्जन कुमार को इसी हफ्ते दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उन्हें 31 दिसंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया है। उम्रकैद के अलावा उनपर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। इसके अलावा बाकी दोषियों को जुर्माने के तौर पर एक-एक लाख रुपये देने होंगे।

कोर्ट ने सुनाई सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा

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दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (17 दिसंबर) को कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और उन्हें 31 दिसंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया गया था। सज्जन को आपराधिक साजिश और दंगा भड़काने का दोषी पाया गया था, जबकि इससे पहले निचली अदालत ने 30 अप्रैल 2013 को उन्हें बरी कर दिया था।

गवाह ने सज्जन को पहचान लिया था

इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट में मामले की एक गवाह चाम कौर ने सज्जन को पहचान लिया था। चाम ने बयान दिया था- घटनास्थल पर मौजूद सज्जन ने वहां मौजूद दंगाइयों से कहा था कि सिखों ने हमारी मां (इंदिरा गांधी) का कत्ल किया है, इसलिए इन्हें नहीं छोड़ना। भीड़ ने उकसावे में आकर मेरे बेटे और पिता की हत्या करवाई।

5 सिखों की हत्या के मामले में हुई सजा

1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में सिख विरोधी दंगे फैले थे। इस दौरान दिल्ली कैंट के राजनगर में पांच सिखों- केहर सिंह, गुरप्रीत सिंह, रघुविंदर सिंह, नरेंद्र पाल सिंह और कुलदीप सिंह की हत्या हुई थी। इस मामले में केहर सिंह की विधवा और गुरप्रीत सिंह की मां जगदीश कौर ने शिकायत दर्ज कराई थी।

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TAGS: 1984 anti-Sikh riots, Sajjan Kumar, moved, application, Delhi High Court, 30 days time, to surrender
OUTLOOK 20 December, 2018
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