उन्नाव पीड़िता के परिवार को 25 लाख मुआवजे का ऐलान, फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी सुनवाई
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शनिवार को उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के परिवार को मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये देने का ऐलान किया है। साथ ही सरकार ने कहा है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी ताकि जल्द न्याय हो सके और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाई जा सके।
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने शनिवार को अपनी सहयोगी कमल रानी और उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज के साथ पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करने और मुख्यमंत्री कोष से पीड़िता के परिवार को मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये देने का फैसला किया है।" पीड़िता के परिवार को यह राशि जल्दी ही पहुंच जाएगी। साथ ही परिवार की मांग के अनुसार, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर आवंटित किया जाएगा।
'पूरी सरकार परिवार के साथ है'
उन्होंने कहा, "पूरी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीड़िता के परिवार के साथ हैं। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इस मामले में जल्द से जल्द न्याय हो।" उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को बहुत जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। परिवार जो भी जांच चाहेगा, वह होगी और जिन आरोपियों के नाम लिए गए हैं, उनमें किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। यह कोई राजनीति का विषय नहीं है।
'बदनाम किया है उन्नाव का नाम'
स्थानीय सांसद साक्षी महाराज ने कहा, "मैं अपनी पार्टी के साथ पीड़ित परिवार के समर्थन में हूं। मैं इसके बारे में संसद में भी मुखर रहा हूं। दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्नाव का नाम बदनाम किया गया है।"
सफदरजंग अस्पताल में तोड़ा दम
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती उन्नाव की गैंगरेप पीड़िता की शुक्रवार देर रात जीवन से जूझने के बाद मौत हो गई है। पीड़िता ने रात 11 बजकर 40 मिनट पर दम तोड़ा। पीड़िता के 95 फीसदी जलने के बाद उसे उन्नाव से लखनऊ, फिर लखनऊ से दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया था। उसे बचाने की डॉक्टरों की सभी कोशिशें नाकाम रहीं। जेल से छूटे रेप के आरोपियों ने पीड़िता को जिंदा जलाकर मारने की कोशिश की थी। पीड़िता ने इस साल मार्च में बलात्कार का मामला दर्ज कराया था, जिसकी सुनवाई उत्तर प्रदेश के उन्नाव की एक स्थानीय अदालत में चल रही है।
दो महीने में हो जांच पूरीः रविशंकर प्रसाद
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ बलात्कार जैसी घटनाओं पर पीड़िताओं को त्वरित न्याय मिले इसकी व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने कहा कि देश में 1023 फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना का एक प्रस्ताव प्रस्तावित है। इनमें से 400 पर सहमति बन गई है और 160 से अधिक ने काम करना भी शुरू कर दिया है। देश में 704 फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट पहले से चल रहे हैं। उन्होंने कहा, ''मैंने देश की न्यायपालिका से अपील की है कि ये सारे फास्ट ट्रैक कोर्ट ठीक चले और समय मे निर्णय करे। इनका समय-समय पर प्रभावी मूल्यांकन होना भी जरूरी है। कानून में हमने ये बदलाव किया है कि बच्चो के बलात्कार करने पर आरोपियों को फांसी मिलेगी जिसके लिए जांच 2 महीने में पूरी होनी चाहिये।