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05 December 2020

किसान आंदोलनः समर्थन में आए 36 ब्रिटिश सांसद, भारत पर दबाव बनाने के लिए लिखी चिट्ठी

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किसान आंदोलन के समर्थन में अब ब्रिटेन के 36 सांसद  कूद पड़े हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बाद अब ब्रिटेन के सांसदों ने भी भारत के कृषि कानूनों पर चिंता जताई है। वहां की लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी के नेतृत्व में 36 ब्रिटिश सांसदों ने ब्रिटिश विदेश सचिव डॉमिनिक राब को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में सांसदों ने किसान कानून के विरोध में भारत पर दबाव बनाने की मांग की गई है। सांसदों ने पंजाब और विदेशों में सिख किसानों के समर्थन के जरिए भारत सरकार के साथ बातचीत करने का आग्रह किया है।

सांसद तनमनजीत सिंह ने कहा कि पिछले महीने कई सांसदों ने आपको और लंदन में भारतीय उच्चायोग को किसानों और जो खेती पर निर्भर हैं उनके शोषण को लेकर तीन नए भारतीय कानूनों के प्रभावों के बारे में लिखा था। भारत सरकार द्वारा कोरोना वायरस के बावजूद लाए गए तीन नए कृषि कानूनों में किसानों को शोषण से बचाने और उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने में विफल रहने पर देश भर में व्यापक किसान विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

ब्रिटिश सांसदों ने राष्ट्रमंडल कार्यालय  को पत्र लिखकर कहा कि इन कृषि कानूनों से पंजाब के किसानों को भारी समस्या पैदा हो गई है। वे इसे अपने लिए 'डेथ वारंट' मान रहे हैं और इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। यह ब्रिटेन में सिखों और पंजाब से जुड़े लोगों के लिए विशेष रूप से चिंता का विषय है। हालांकि, यह कानून अन्य भारतीय राज्यों पर भी भारी पड़ रहा है। कई ब्रिटिश सिखों और पंजाबियों ने अपने सांसदों के साथ इस मामले को उठाया है। क्योंकि, वे पंजाब में परिवार के सदस्यों और अपनी पैतृक भूमि से सीधे प्रभावित हैं।

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बता दें कि पंजाब की लगभग तीन चौथाई कृषि में शामिल हैं। इसलिए नए कानून पंजाब के लिए एक बड़ी समस्या के रूप में प्रस्तुत हुए हैं। पंजाबी कृषक समुदाय को राज्य की आर्थिक संचरना में रीढ़ की हड्डी के रूप में पहचाना जाता है।

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OUTLOOK 05 December, 2020
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