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12 September 2017

सीबीडीटी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी आय से अधिक संपत्ति वाले MP-MLA की सूची

सुप्रीम कोर्ट ने देश के कुछ सांसदों और विधायकों की संपत्ति में 500 फीसदी तक की बढ़ोतरी पर सवाल उठाया है। कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि सांसद और विधायक ये बताएं कि उनकी आय में इतनी तेजी से बढ़ोतरी क्‍या बिजनेस से हुई है? अगर हां, तो सवाल उठता है कि सांसद और विधायक होते हुए वे कोई बिज़नेस कैसे कर सकते हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है ये सोचने का कि भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कैसे जांच हो और तेजी से फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आज से सालों पहले एनएन वोरा की रिपोर्ट आई थी, आपने उस पर क्या काम किया? समस्या आज जस की तस है। आपने रिपार्ट को लेकर कुछ नहीं किया।

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जनता को पता होना चाहिए कि नेताओं की आय क्या है, इसे क्यों छिपाकर रखा जाए। अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि नामांकन के वक्त प्रत्याशी अपनी और अपने परिवार की आय के स्रोत का खुलासा करे या नहीं।

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एनजीओ 'लोक प्रहरी' की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने CBDT के उस सील बंद लिफाफे को खोला, जिसमें सात लोकसभा सांसदों और 98 विधायकों द्वारा चुनावी हलफनामे में संपत्तियों के बारे में दी गई जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में दी गई जानकारी से अलग है। सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया कि इन सभी के खिलाफ जांच चल रही है और फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस को प्राथमिकता के आधार पर भेजा जाता है। जानकारी देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नामों को सार्वजनिक नहीं किया, बल्कि कोर्ट स्टॉफ को कहा कि वापस इसे सीलबंद कर दें।

इससे पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि दो चुनावों के बीच इन जनप्रतिनिधियों की संपत्ति में 'बेतहाशा बढ़ोतरी' हुई है। बता दें कि लखनऊ के एक एनजीओ 'लोक प्रहरी' ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि 11 राज्यसभा सांसद, 26 लोकसभा सांसदों और 257 विधायकों के चुनावी हलफनामे को देखने पर दो चुनावों के बीच उनकी संपत्तियों में ‘बेतहाशा बढ़ोतरी’ का पता चलता है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने CBDT से जवाब मांगा था।

कोर्ट के जवाब मांगने पर CBDT ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में बताया कि इन आरोपों पर आयकर विभाग ने जांच की, जिसमें पता चला कि 26 में से 7 लोकसभा सांसदों तथा 98 विधायकों की संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

इस मामले में गत गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने गैर सरकारी संगठन ‘लोक प्रहरी’ की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीडीटी के अधूरे हलफनामे पर सवाल उठाया था। कोर्ट ने सीबीडीटी को आदेश दिया था कि वह उन सांसदों और विधायकों के बारे में जानकारी दे जिनकी आय में अचानक 500 फीसदी से ज्यादा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही, कोर्ट ने CBDT से पूछा थ्‍ाा कि रडार पर आए इन नेताओं पर क्या कार्रवाई की ग, जिसके बाद सीबीडीटी ने सोमवार को हलफनामा दाखिल किया था।

 

 

 

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TAGS: 7 MPs, 98 MLAs, Property, target, Income Tax Department
OUTLOOK 12 September, 2017
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