मोरबी पुल हादसे में ठेकेदार, मैनेजर, टिकट क्लर्क और सिक्योरिटी गार्ड समेत 9 गिरफ्तार, आईजी बोले- आरोपियों को दिलाएंगे सख्त सजा
गुजरात के मोरबी शहर में पुल गिरने से सोमवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 134 हो गई। मामले में पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने बताया कि इनमें ओरेवा ग्रुप के 2 मैनेजर, दो मरम्मत करने वाले कॉन्ट्रेक्टर पिता और पुत्र, तीन सुरक्षा गार्ड और दो टिकट क्लर्क शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की अस्पताल ले जाकर कोविड जांच करवाई। घटना के संबंध में गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है।
आईजी अशोक यादव ने सोमवार (31 अक्टूबर) को कहा कि मोरबी में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी, हम संवेदना व्यक्त करते हैं। कल शाम को 6.30 बजे पुल गिरा था। सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए आईपीसी की 304, 308 धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। आरोपियों को सख्त सजा दिलाएंगे। पुलिस की जांच जारी है। गिरफ्तार होने वाले लोगों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है।
जिन 9 लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें ओरेवा कंपनी का मैनेजर दीपक भाई नवीनचंद्र भाई पारेख (44), एक और मैनेजर नवीन भाई मनसुख भाई दवे, टिकट क्लर्क मनसुख भाई वालजी भाई टोपिया(59), एक और टिकट क्लर्क मदनभाई लाखा भाई सोलंकी, ब्रिज रिपेयरिंग कॉन्ट्रेक्टर प्रकाशभाई लालजी भाई परमार और एक और कॉन्ट्रेक्टर देवांग भाई लालजी भाई परमार (31) शामिल हैं।
हादसे वाला ब्रिज 7 महीने तक चले रिनोवेशन के बाद दिवाली के अगले दिन लोगों के लिए खोला गया था। मोरबी का 765 फुट लंबा और 4 फुट चौड़ा पुल 143 साल पुराना था। इस पुल का उद्घाटन 1879 में किया गया था। इस केबल ब्रिज को 1922 तक मोरबी में शासन करने वाले राजा वाघजी रावजी ने बनवाया था। वाघजी ठाकोर ने पुल बनाने का फैसला इसलिए लिया था, ताकि दरबारगढ़ पैलेस को नजरबाग पैलेस से जोड़ा जा सके। रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ की 5 टीम, एसडीआरएफ की 6 प्लाटून, वायुसेना की एक टीम, सेना के दो कॉलम और नौसेना की दो टीमें लगी हैं।