Advertisement
08 November 2018

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर खूब हुई आतिशबाजी, दिल्ली-एनसीआर में पसरी धुंध की चादर

ANI

दीपावली के एक दिन बाद यानी गुरूवार को दिल्ली में इस साल हवा की सबसे खराब गुणवत्ता दर्ज की गई। बड़े पैमाने पर हुई आतिशबाजी के कारण राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर ‘अत्यंत गंभीर और आपातकालीन’ (सीवियर प्लस एमरजेंसी) श्रेणी में एंट्री कर गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए कई शहरों में लोगों ने कम से कम रात 12 बजे तक आतिशबाजी की, जबकि शीर्ष न्यायालय ने पटाखे जलाने के लिए रात 10 बजे तक की समयसीमा तय कर रखी थी। नई दिल्ली में कई घंटे तक पटाखों की तेज आवाज सुनाई देती रही। मुंबई, कोलकाता, जयपुर एवं अन्य प्रमुख शहरों में भी कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होते देखा गया।

राजधानी की एयर क्वालिटी इंडेक्स अत्यंत गंभीर श्रेणी में

Advertisement

केंद्र द्वारा संचालित सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के मुताबिक, पटाखों से पैदा हुए धुएं सहित अन्य कारणों से दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 574 तक चला गया जो ‘अत्यंत गंभीर और आपातकालीन’ श्रेणी में आता है।

सफरने चेताया था

अधिकारियों ने बताया कि बड़े पैमाने पर हुई आतिशबाजी के कारण समूची राष्ट्रीय राजधानी में धुएं की मोटी परत पढ़ गई है और दृश्यता में काफी कमी आ गई है। ‘सफर’ ने चेताया था कि यदि पिछले साल की तुलना में कम नुकसानदेह पटाखे भी जलाए गए तब भी हवा की गुणवत्ता अत्यंत गंभीर श्रेणी में रहेगी।

शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 और 100 के बीच इसे ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’ माना जाता है, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘काफी खराब’ और 401 और 500 के बीच इसे ‘अत्यंत गंभीर’ माना जाता है।

तड़के दो बजे अत्यंत गंभीरश्रेणी में प्रवेश कर गया एयर क्वालिटी इंडेक्स

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक करीब 574 है। गुरूवार को आधी रात के बाद तड़के दो बजे यह सूचकांक ‘अत्यंत गंभीर’ श्रेणी में प्रवेश कर गया और शाम तक यह इसी श्रेणी में बना रहेगा।

‘सफर’ की ओर से जारी परामर्श के मुताबिक, वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अत्यंत गंभीर और आपातकालीन’ श्रेणी में होने का मतलब है कि ऐसी हवा में ज्यादा समय तक सांस लेने से स्वस्थ व्यक्ति भी श्वसन संबंधी बीमारियों का शिकार हो सकता है। यह हवा उनके शरीर के अंगों को गंभीर रूप से प्रभावित करती है।

जानें क्या था सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली एवं अन्य त्योहारों के दिन सिर्फ रात आठ बजे से रात 10 बजे तक आतिशबाजी की अनुमति दी थी। कोर्ट ने सिर्फ ‘हरित पटाखों’ के निर्माण और बिक्री की इजाजत दी है, क्योंकि इसमें कम रोशनी, कम आवाज और कम नुकसानदेह रसायन निकलते हैं। कोर्ट के आदेश का पालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई है।

इन जगहों पर हुआ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कुछ जगहों पर इसका उल्लंघन होते देखा गया। इन जगहों पर तय समयसीमा के पहले और बाद में बड़े पैमाने पर आतिशबाजी हुई।

दिल्ली-एनसीआर में मयूर विहार एक्सटेंशन, लाजपत नगर, लुटियंस दिल्ली, आईपी एक्सटेंशन, द्वारका और नोएडा सेक्टर-78 ऐसे इलाकों में शामिल रहे जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश का खुला उल्लंघन हुआ।

पुलिस ने कबूली उल्लंघन की बात

पुलिस ने आदेश का उल्लंघन होने की बात कबूली और कहा है कि दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वे उल्लंघनों पर लगाम लगाने के लिए लगातार गश्त कर रहे हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: A day after, Diwali, thick layer, smog, engulfs, Delhi-NCR
OUTLOOK 08 November, 2018
Advertisement