सोशल मीडिया की ताकत, ट्रेन में सफर कर रहे शख्स के ट्वीट ने बचा ली 26 लड़कियों की जिंदगी
सोशल मीडिया की ताकत उस वक्त देखने को मिली, जब एक यात्री की सजगता और रेलवे की फुर्ती के कारण 26 नाबालिग लड़कियों की जिंदगी बर्बाद होने से बच गई।
गोरखपुर में जीआरपी, आरपीएफ ने ट्रैफिकिंग के लिए ले जाई जा रही 26 लड़कियों के बचा लिया और दो लोगो को गिरफ्तार किया है। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है।
यात्री की पहल की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, मुजफ्फरपुर-बांद्रा अवध एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रहे यात्री आदर्श श्रीवास्तव ने 5 जुलाई को एक ट्वीट कर जानकारी दी, ‘मैं अवध एक्सप्रेस (19040) के एस-5 कोच में सफर कर रहा हूं। इसमें जिसमें करीब 25 नाबालिग लड़कियां हैं जो रो रही हैं और खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं।‘ यात्री ने रेल मंत्री पीयूष गोयल, पीएमओ, रेल मंत्रालय, प्रधानमंत्री मोदी, मनोज सिन्हा को टैग भी किया।
I am traveling in Avadh express(19040). in s5. in my coach their are 25 girls all are juvenile some of them are crying and all feeling unsecure.@RailMinIndia @PiyushGoyal @PMOIndia @PiyushGoyalOffc @narendramodi @manojsinhabjp @yogi
— Adarsh Shrivastava (@AdarshS74227065) July 5, 2018
इस खबर के फैलते ही तत्काल रेलवे बोर्ड की ओर से जारी निर्देश पर जीआरपी ने गोरखपुर जंक्शन पर सभी बच्चियों को उतार लिया। मौके से दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है। उनसे एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। गोरखपुर रेल सुरक्षा बल के प्रभारी भाष्कर सोनी ने बताया कि मौके से लौरिया के कोकिलाडीह निवासी शेख सफदर और मानपुर थाने के सहनौला पकड़ी निवासी शेख आशा को हिरासत में लिया गया है।
बताया जा रहा है कि अवध एक्सप्रेस में जिले के कई जगहों से लड़कियों को नरकटियागंज जंक्शन से आगरा में पढ़ाने के नाम पर ले जाया जा रहा था। गाड़ी जैसे ही कप्तानगंज जंक्शन पर पहुंची कोच को स्कार्ट करते हुए गोरखपुर तक लाया गया। शाम पांच बजे कोच संख्या एस 5 के बर्थ नंबर 5, 6,15,16 22 17, 18, 19 20 और 21 बर्थ पर 26 नाबालिग लड़कियां बैठी मिलीं।
रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि कप्तानगंज से ट्रेन में दो आरपीएफ के जवान सादी वर्दी में ट्रेन के कोच में चढ़े और उन्हें गोरखपुर तक लाए। प्रवक्ता ने बताया कि 22 साल और 55 साल की उम्र के दो व्यक्तियों के साथ 26 लड़कियां मिलीं। वे सभी बिहार के पश्चिम चम्पारण की रहने वाली हैं।