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17 March 2018

मॉल में ट्रांसजेंडर को जाने से रोका गया, उसने कहा- करूंगी मुकदमा

ANI

भले ही सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर को समाज के तीसरे दर्ज का स्थान दे दिया हो, लेकिन इसी समाज का एक बड़ा वर्ग है, जो आज तक ट्रांसजेंडर को अपना नहीं पाया है। ट्रांसजेंडर के खिलाफ भेदभाव के मामले सामने आते हैं तो सवाल उठते हैं कि आखिर कब थर्ड जेंडर को सम्मानजनक जिंदगी मिलेगी, क्या थर्ड जेंडर को दर्जा दे देना काफी है?

दरअसल, ताजा मामला पुणे का है। जहां एक ट्रांसजेंडर को शॉपिंग मॉल के अंदर घुसने नहीं दिया गया। ट्रांसजेंडर सोनाली दलवी का आरोप है कि जब वे पुणे के फीनिक्स मॉल में शॉपिंग के लिए गईं तो उन्हें मॉल के अंदर नहीं जाने दिया। मॉल के अधिकारियों ने उनसे कहा कि उनकी पॉलिसी ट्रांसजेंडर्स को अंदर आने की अनुमति नहीं देती। उन्होंने कहा, 'जब मैंने उनसे अपनी पॉलिसी को समझाने के लिए कहा, तो वे कुछ नहीं बोल पाए। अब मैं उनके खिलाफ केस दर्ज करूंगी।'

ट्रांसजेंडर के साथ दुर्व्यवहार का यह कोई पहला या नया मामला नहीं है। इससे पहले एक ताजा मामले में ट्रांसजेंडर को एयर इंडिया में नौकरी देने से मना कर दिया गया था।

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हाल ही में ट्रांसजेंडर्स ने सफलता के कीर्तिमान रचे हैं। जोयिता मंडल और गंगा कुमारी इसकी उदाहरण हैं। जोयिता देश की लोक अदालत की पहली ट्रांसजेंडर जज हैं। राजस्थान के जालौर जिले की किन्नर गंगा कुमारी की कहानी भी काफी संघर्षों से भरी हुई है। पिछले साल नवंबर में राजस्थान हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पुलिस विभाग को किन्नर गंगा कुमारी को नियुक्ति पत्र देने का आदेश सुनाया था।

इस तरह की सकारात्मक खबरों के बीच भेदभाव की खबरें उनका मनोबल तोड़ती हैं।

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TAGS: pune, maharashtra, sonali dalvi
OUTLOOK 17 March, 2018
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