आधार से गरीबों को ताकत और पहचान मिलीः सुप्रीम कोर्ट
आधार को संवैधानिक रूप से वैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इससे समाज के गरीब तबके को पहचान मिलेगी।
बुधवार को पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि आधार और दूसरे आइडेंटी प्रूफ में मूल अंतर यूनीकनेस को लेकर है। आधार को लेकर जजों ने कुछ अहम बातें कहीं हैः
-आधार अपने आप में यूनीक आइटेंडी है।
-आधार के खिलाफ याचिकाकर्ताओं के आरोप संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन पर आधारित हैं, जिनके कारण राष्ट्र शासकीय निगरानी वाले राज्य में बदल जायेगा।
- आधार कार्ड का डुप्लीकेट बनाने का विकल्प नहीं है।
- यूनीक आइडेंटी कार्ड से हाशिए पर खड़े लोगों को पहचान मिली है।
-आधार के लिए यूआईडीएआई ने न्यूनतम डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक आंकड़े एकत्र किये।
-शिक्षा हमें अंगूठे से हस्ताक्षर तक ले गई, लेकिन एक बार फिर तकनीक हमें हस्ताक्षर से अंगूठे की ओर ले जा रही है।
-आधार योजना एक सुरक्षित मैकेनिज्म है।
-जितनी जल्दी संभव हो, आंकड़ों की सुरक्षा के लिए मजबूत तंत्र बनाया जाए।