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04 August 2017

बिना आधार ऐसे मिलेगा मृत्यु प्रमाण-पत्र, जानिए पूरी खबर

दूरदर्शन पर पहले एक एड आता था, जिसमें वर्तमान केंद्रीय मंत्री और तत्कालीन अभिनेत्री स्मृति ईरानी कहती थीं, आप भी अपने प्रियजनों की यादों को सजाकर रख सकते हैं, एक छोटा सा काम करके। उनकी मृत्यु का रजिस्ट्रेशन यानी पंजीकरण कराके। ये कानूनन जरूरी है। अब जिस सरकार में वे मंत्री हैं, उसका कहना है कि मृत्यु प्रमाण-पत्र चाहिए तो पहले आधार संख्या बताओ।।

भारत के महापंजीयक ने एक अधिसूचना में कहा है कि मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन के समय आधार के प्रयोग से मृतक के बारे में उनके परिजनों से सटीक जानकारी मिल सकेगी। इससे पहले भी केंद्र सरकार ने पैन कार्ड बनवाने समेत कई योजनाओं के लिए आधार कार्ड को आवश्यक बना दिया था, जिसको उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी।

अधिसूचना के मुताबिक, मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों को मृतक की आधार कार्ड संख्या बतानी होगी। साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन में अन्य जानकारियां भी भरनी होंगी ताकि मृतक की पहचान की जा सके। 

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अगर किसी आवेदक के पास मृतक की आधार या पंजीकरण संख्या नहीं है तो उसे मृतक की आधार संख्या ज्ञात न होने का एक शपथ पत्र देना होगा। अगर आवेदक गलत जानकारी देता है तो उस पर आधार अधिनियम, 2016 और जन्म एवं मृत्यु अधिनियम 1969 के तहत कार्रवाई होगी।

गृह मंत्रालय के अधीन भारत के महापंजीयक ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित विभागों को जन्म और मृत्यु का पंजीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं और 01 सितंबर, 2017 तक इस बारे में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देने को कहा है।

जम्मू-कश्मीर, असम और मेघालय के लिए उपरोक्त प्रावधान लागू होने की दिनांक अलग से घोषित की जाएगी। बाकी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ये प्रावधान 1 अक्टूबर, 2017 से तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

जिस तरह सरकार हर जगह आधार कार्ड जरूरी कर रही है, लोगों ने इस पर तंज भी कसना शुरु कर दिया है।

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TAGS: Aadhaar number, mandatory, registration of death, effect from October 1, 2017, MHA
OUTLOOK 04 August, 2017
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