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17 June 2018

जब-जब भाजपा डरती है, पुलिस को आगे करती है: संजय सिंह

AAP/Twitter

अफसरों की कथित हड़ताल और असहयोग को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच गतिरोध जारी है। इसे पर आम आदमी पार्टी ने आज (रविवार) पीएम आवास का घेराव करने के लिए मंडी हाउस से विरोध मार्च निकाला लेकिन पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग पर ही रोक दिया। इसके मद्देनजर दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशन बंद रहे। दिल्ली पुलिस ने बताया कि आम आदमी पार्टी ने विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली थी। मार्च के चलते भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटा जा सके।

पीएम आवास तक जाने से रोके जाने पर 'आप' नेता संजय सिंह ने कहा कि अब वे घर-घर जाकर हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे। उन्होंने प्रदर्शन के दौरान नारा लगाते हुए कहा, 'जब-जब भाजपा डरती है, पुलिस को आगे करती है।'

एलजी और अफसरों के जरिये दिल्ली सरकार को काम ना करने देने का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। केंद्र की मोदी सरकार, एलजी और अफसरों के रवैये के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विरोध-प्रदर्शन का कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक दलों ने समर्थन किया है। मार्च में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी भी शामिल हुए।

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इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, 'हम आ गए हैं आज सड़क पर, लोकतंत्र की तलाश में। जब बैठी तानाशाही है, प्रधानमंत्री निवास में।'

देखिए, विरोध मार्च की कुछ तस्वीरें-

पार्टी नेता संजय सिंह भी विरोध मार्च में शामिल हुए। 



आईएएस एसोसिएशन ने कहा- हड़ताल की सूचना गलत 

दिल्ली सरकार का आरोप है कि आईएएस पिछले करीब चार माह से कथित तौर पर हड़ताल पर हैं। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर कथित मारपीट को इसकी वजह बताया जा रहा है। इस मामले पर आईएएस एसोसिएशन का पक्ष सामने आया है। एसोसिएशन की मनीषा सक्सेना का कहना है, 'हम हड़ताल पर नहीं हैं। इस तरह की सूचना गलत और आधारहीन है कि दिल्ली के आईएएस अफसर हड़ताल पर हैं। हम मीटिंग में हिस्सा ले रहे हैं और कई बार छुट्टियों पर भी काम कर रहे हैं।'

क्या है पूरा मामला? 

दिल्ली की केजरीवाल सरकार अब आर-पार के मूड में दिखाई दे रही है। केजरीवाल दिल्ली में नौकरशाहों की कथित ‘‘हड़ताल’’ खत्म करवाने के लिए अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ पिछले सात दिनों से उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना पर बैठे हैं। केजरीवाल पिछले चार महीने से सरकार के कामकाज का बहिष्कार करनेवाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही दिल्ली सरकार की डोर टू डोर राशन योजना को मंजूरी देने की बात कह रहे हैं। उपराज्यपाल ने मांगों को मानने से मना कर दिया है जबकि केजरीवाल का कहना है कि मांगे पूरी होने तक वह डटे रहेंगे। उनका कहना है कि अफसरों की हड़ताल के कारण दिल्ली के लोगों के कामों पर असर पड़ रहा है। उपराज्यपाल ने जहां अफसरों में अविश्वास और डर का माहौल होने की बात कही है तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे उपराज्यपाल द्वारा प्रायोजित हड़ताल करार दिया है।

ये हैं तीन मांगें

# उपराज्यपाल स्वयं आईएएस अधिकारियों की गैरकानूनी हड़ताल फौरन खत्म कराएं, क्योंकि वो सेवा विभाग के प्रमुख हैं।

# काम रोकने वाले आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें।

# राशन की डोर-स्टेप-डिलीवरी की योजना को मंजूर करें।

क्या कह रहे हैं उपराज्यपाल?

इधर, उपराज्यपाल निवास की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में किसी भी तरह के हड़ताल का खंडन किया गया है। राज्यपाल दफ्तर की ओर से कहा गया है कि अफसरों में डर और अविश्वास का माहौल है, जिसे सीएम ही दूर कर सकते हैं। जहां तक डोर स्टेर राशन डिलीवरी की फाइल की बात है तो वह खाद्य मंत्री इमरान हुसैन के पास ही है। उसके लिए केंद्र की मंजूरी जरूरी है जिसके लिए दिल्ली सरकार को ही कदम उठाने हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी बाकायदा दिल्ली सरकार की बैठकों में भाग ले रहे हैं और विरोध के बावजूद अपना काम कुशल तरीके से कर रहे हैं। सरकार की ओर से अफसरों के साथ सकारात्मक बातचीत की कोशिश तक नहीं हुई। 

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TAGS: Aam aadmi party, mandi house, 17th june, arvind kejriwal, anil baijal
OUTLOOK 17 June, 2018
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