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11 January 2022

आरोपी प्रसाद पुरोहित ने 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में बंद कमरे में सुनवाई की मांग की

मालेगांव में सितंबर 2008 में हुए बम धमाके के मामले में आरोपी लेफ्टि. कर्नल प्रसाद पुरोहित ने मंगलवार को यहां एक विशेष अदालत के समक्ष आवेदन दायर कर अनुरोध किया कि मामले की सुनवाई बंद कमरे में की जाए।

पुरोहित ने दावा किया कि मीडिया सुनवाई की कार्यवाही पर बहस और चर्चा कर रहा था, जिसे विशेष राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत ने 2019 में प्रतिबंधित कर दिया था। अपने आवेदन में पुरोहित ने कहा कि न्याय के हित में मामला अदालत कक्ष तक ही सीमित रहना चाहिए और “राय-निर्माताओं और राष्ट्र-विरोधी अवसरवादियों” को इसपर कब्जा नहीं करने देना चाहिए।

एनआईए ने 2019 में अदालत के समक्ष दिए गए ऐसे ही एक आवेदन में मुकदमे की सुनवाई बंद कमरे में आयोजित करने और मीडिया को रिपोर्टिंग की इजाजत नहीं देने का अनुरोध किया था। उस समय पत्रकारों ने इस अनुरोध का विरोध किया था।

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अक्टूबर 2019 में, विशेष अदालत ने एनआईए का आवेदन खारिज कर दिया, लेकिन मुकदमे की रिपोर्टिंग करते समय मीडिया पर कुछ प्रतिबंध लगाए।

अदालत ने कहा था कि मीडिया को मामले में गवाहों की पहचान उजागर नहीं करनी चाहिए और मामले में किसी भी तरह की बहस, साक्षात्कार या चर्चा नहीं करनी चाहिए।

मंगलवार को दायर अपने आवेदन में, पुरोहित ने कहा कि अदालत के 2019 के आदेश का मीडिया उल्लंघन कर रहा है और इसलिए मुकदमे को कवर करने की अनुमति को पूरी तरह से वापस लिया जाए।

आवेदन में कहा गया, “यह अनुरोध किया जाता है कि न्याय के हित में और निष्पक्ष सुनवाई के लिए, मामला अदालत कक्ष तक ही सीमित रहना चाहिए और राय बनाने वालों और राष्ट्र-विरोधी अवसरवादियों को इसे हथियाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।” मामले के एक अन्य आरोपी समीर कुलकर्णी ने हालांकि पुरोहित के आवेदन का विरोध किया है।

अदालत ने एनआईए और अन्य आरोपियों को पुरोहित के आवेदन पर अपने जबाव दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि वह इस याचिका पर बाद में सुनवाई करेगी। मालेगांव विस्फोट मामले में अदालत फिलहाल रोजाना सुनवाई कर रही है। इस मामले में अब तक 16 गवाह मुकर चुके हैं।

उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले में मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर बंधे एक विस्फोटक उपकरण के फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

पुरोहित और कुलकर्णी के अलावा, भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित चार अन्य, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत आतंकवादी गतिविधियों और आपराधिक साजिश के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

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TAGS: Accused, Lt. Colonel Prasad Purohit, in-camera trial, 2008 Malegaon blast case
OUTLOOK 11 January, 2022
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