अब राष्ट्रगान से 'अधिनायक' शब्द हटाने की उठी मांग
अक्सर अपने विवादों को लेकर चर्चा में रहने वाले हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने राष्ट्रगान में संशोधन की बात की है। उनका कहना है, ‘ठीक है राष्ट्रगान से सिंध हटाने की मांग उठी है लेकिन इससे अधिनायक शब्द भी हटाना चाहिए। अधिनायक का मतलब होता है तानाशाह और देश में अब कोई तानाशाह नहीं है।‘
ऐसा नहीं है कि यह मांग पहली बार उठी है। इससे पहले करीब तीन साल पहले राजस्थान के तत्कालीन राज्यपाल कल्याण सिंह ने भी 'अधिनायक' की जगह 'मंगल' शब्द जोड़ने की बात कही थी क्योंकि अधिनायक शब्द में स्वतंत्रता पूर्व के समय के अंग्रेजी शासक का गुणगान किया गया है। यह बात तब उन्होंने विश्वविद्यालय के एक दीक्षांत समारोह में कही थी। उनका कहना था कि जन गण मन अधिनायक जय हो, अधिनायक किसके लिए। यह ब्रिटिश समय के अंग्रेजी शासक का गुणगान है। राष्ट्रगान में संशोधन होना चाहिए। यह जन गण मंगलदायक...भारत भाग्य विधाता किया जाना चाहिए।
#WATCH: Haryana Minister Anil Vij says 'Theek baat hai Sindh ko hataane ki baat hai. Adhinayak shabd ko bhi hatna chahiye. Adhinayak ka matlab hota hai taanaashah. Hindustan mein ab koi taanaashah nahi hai'. pic.twitter.com/z39oGbbv8O
— ANI (@ANI) March 17, 2018
बता दें कि एक दिन पहले कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने शुक्रवार को राज्यसभा में राष्ट्रगान को लेकर एक संशोधन की मांग करते हुए प्रस्ताव पेश किया जिसमें राष्ट्रगान से सिंध शब्द को हटाकर इसमें 'उत्तर पूर्व' शब्द जोड़ने की मांग की गई है। उनका कहना था कि सिंध आज भी राष्ट्रीय गान का हिस्सा है लेकिन अब देश का हिस्सा नहीं है। अब वह पाकिस्तान के दायरे में आता है और वह मुल्क हमेशा से भारत से दुश्मनी निभाते आया है। इसलिए इस शब्द को हटाकर नॉर्थ ईस्ट शब्द को लगाना चाहिए। बोरा ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इसलिए उसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। रिपुन बोरा ने प्रस्ताव में लिखा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 24 जनवरी 1950 में कुछ शब्द और एक म्यूजिक सदन में पेश किया था, जिसे राष्ट्रगान कहा गया लेकिन वक्त के साथ हालात और नक्शा दोनों बदल गए हैं इसलिए अब राष्ट्रगान में संशोधन करने की आवश्यकता है।