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01 June 2017

बयान के बाद अब सोशल मीडिया पर नाच रहा है जज साहब का 'ब्रह्मचारी मोर'

दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेशचंद्र शर्मा ने बुधवार को सुझाव दिया था कि गाय को भारत के राष्ट्रीय पशु का दर्जा दे दिया जाना चाहिए। अपने सुझाव के पक्ष में तर्क देते हुए उन्होंने गाय की तुलना 'मोर' से की, और दोनों प्राणियों की प्रजाति को 'पवित्र' बताया। मोर की पवित्रता का विस्तार से वर्णन करते हुए जज साहब ने कहा था कि मोर ताउम्र (आजीवन) ब्रह्मचारी रहता है। जज ने कहा कि मोर के आंसुओं को पीने से मोरनी गर्भवती होती है।

इस बयान में जज ने अपने द्वारा दी गई जानकारी में भगवान को भी शामिल किया और कहा था कि चूंकि मोर ब्रह्मचारी होता है, इसीलिए भगवान कृष्ण उसके पंख को अपने शीश पर स्थान देते थे। जज के इस तरह के बयान के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर जज महेश शर्मा पर निशाना साधा। खासकर अपने फैसले के पीछे उन्होंने मोर का जो उदाहरण दिया है उसे लेकर सबसे ज्यादा मजाक बनाया जा रहा है।

ट्विटर यूज़रों ने जज के विचारों को लेकर हंगामा पैदा कर दिया, और माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट की बहुत-सी पोस्टों पर #brahmacharipeacock तथा #sanskaaripeacock हैशटैग नज़र आने लगे।


एक यूजर ने लिखा-


एक अन्य यूजर ने ट्वीट कर कहा..


वहीं, ध्रुव जोशी नाम के एक यूजर एक चित्र पोस्ट करते हुए लिखा-


आमिर पठान नाम के एक यूजर ने जज पर निशाना साधते हुए लिखा..

एक यूजर ने तो यहां तक लिख दिया कि मोर की तरह आंसूओं से बच्चे पैदा करो..





 

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TAGS: After statement, Judge Sahib, 'Brahmachari Peacock', dancing, social media
OUTLOOK 01 June, 2017
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