अग्निपथ हिंसा: गृह मंत्रालय ने बिहार बीजेपी के 10 नेताओं को दी Y श्रेणी की सुरक्षा, विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ था घरों पर हमला
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में शुरू की गई अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना का विरोध कर रहे लोगों द्वारा दी गई धमकियों को देखते हुए उपमुख्यमंत्री और विधायकों सहित बिहार में 10 भाजपा नेताओं को सीआरपीएफ का वीआईपी सुरक्षा कवच प्रदान किया है। अधिकारियों ने कहा कि गृह मंत्रालय ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को मिली एक रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया जिसमें कहा गया था कि इन विधायकों और राजनेताओं को शारीरिक नुकसान का खतरा है।
वाई श्रेणी का कवर प्रदान करने वालों में बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, राज्य भाजपा अध्यक्ष और पश्चिम चंपारण के सांसद संजय जायसवाल, बिस्फी विधायक हरिभूषण ठाकुर, दरभंगा के विधायक संजय सरावगी और कुछ अन्य शामिल हैं।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को इन भाजपा विधायकों के साथ अपनी वीआईपी सुरक्षा इकाई के सशस्त्र कमांडो को जल्दी से तैनात करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि वाई श्रेणी के सुरक्षा कवच में दो-तीन कमांडो सुरक्षाकर्मी होंगे।
बिहार और कुछ अन्य राज्यों में शुक्रवार को बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं, और भाजपा के कार्यालयों और उसके नेताओं के घरों को भी इस योजना के विरोध में निशाना बनाया गया, जिसमें तीन सशस्त्र बलों में सैनिकों के लिए चार साल के छोटे कार्यकाल की परिकल्पना की गई है।
बता दें कि डॉ. संजय जायसवाल ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नीतीश कुमार सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि अग्निपथ आंदोलन के दौरान बिहार में चुन-चुनकर केवल बीजेपी के नेताओं को टारगेट किया जा रहा है और उनके आवास पर हमला बोला जा रहा है। संजय जयसवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेताओं को भीड़ के द्वारा टारगेट किए जाने के दौरान मौके पर मौजूद पुलिस उग्र नौजवानों को रोकने की कोशिश नहीं करती है। जयसवाल ने आरोप लगाया कि पुलिस उग्र छात्रों पर ना तो लाठीचार्ज किया और ना ही कोई कार्रवाई की, जिसकी वजह से बीजेपी के कई नेताओं के आवास और बीजेपी के कई दफ्तरों को आंदोलन के दौरान आग के हवाले कर दिया गया। बिहार सरकार ने अग्निपथ के विरोध में हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए 15 जिलों में इंटरनेट सेवा सस्पेंड कर दी है. बिहार के 15 जिलों में इंटरनेट सेवा 19 जून तक बंद रहेंगी।