मेनका गांधी के खिलाफ हुए डॉक्टर, बायकॉट की मांग, जानें क्या है वजह
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद मेनका गांधी ने आगरा के पशु चिकित्सक के साथ कथित रूप अभद्रता की और उनका लाइसेंस रद्द कराने की धमकी दी है। इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद विरोध शुरू हो गया है, जिसमें गांधी ने चिकित्सक एन एल गुप्ता की डिग्रियों पर भी सवाल खड़े किए हैं। वह एक व्यक्ति से उसके कुत्ते की सर्जरी करने के लिए गए पैसों को भी लौटाने के लिए कह रही हैं।
इस मामले का कथित ऑडियो के वायरल होने के बाद भाजपा सांसद मेनका गांधी ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हैं। हैशटैग बॅायकटमेनकागांधी, हैशटैग मेनकागांधीमाफीमांगे ट्रेंड कर रहा है।
ऑडियो क्लीप में आवाज की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकती है, लेकिन चिकित्सक ने आरोप लगाए हैं कि उन्हें सीतापुर की सांसद ने फोन किया था। आगरा के इंडियन वेटनरी एसोसिएशन के सदस्यों ने गांधी के खिलाफ नारेबाजी की। कथित बातचीत के दौरान मेनका गांधी ने चिकित्सक के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया जबकि चिकित्सक उन्हें ‘मैडम’ कहते हुए सुनाई दे रहे हैं। सांसद ने उनसे कहा कि कुत्ते की सर्जरी के लिए ली गई धनराशि नहीं लौटाने पर जिलाधिकारी से कहकर वह उनका क्लीनिक बंद करवा देंगी। उन्होंने उन्हें जेल भेजने की धमकी भी दी है। सांसद ने ऑडियो में कहा कि दूसरे डॉक्टर ने गुप्ता द्वारा की गई सर्जरी को खराब काम बताया।
गुप्ता ने बताया कि एक जून को ग्वालियर के आनंद अपने कुत्ते को लेकर उनके क्लीनिक पर आए और उन्होंने पूरे प्रोटोकॉल के साथ कुत्ते का ऑपरेशन किया था। गुप्ता ने कहा, ‘मुझे सांसद मेनका गांधी का 21 जून को कुत्ते की सर्जरी के बारे में फोन आया। उन्होंने मुझे कहा कि वह 70 हजार रूपये मुआवजे का भुगतान कुत्ता मालिक को करें अन्यथा वह उनका लाइसेंस रद्द करा देंगी’।
गुप्ता ने कहा कि उन्होंने कुत्ता मालिक से सर्जरी के बाद उसका ख्याल रखने के लिए कहा था, लेकिन उसने ख्याल नहीं रखा। उन्होंने कहा, ‘मैंने भारतीय पशु चिकित्सा संगठन को इस फोन कॉल से अवगत करा दिया है’।
हाल में एक अन्य ऑडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था जिसमें गांधी सीतापुर में के पुलिस अधिकारी से कथित तौर पर कह रही हैं कि एक कुत्ते की टांग तोड़ने के लिए एक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया जाए और उसे थप्पड़ मारा जाए।
इस बीच मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी वी एस तोमर ने कहा,’घटना उनके संज्ञान में है और जांच जारी है कि डॉक्टर के पास वैध डिग्री है या नहीं और क्लीनिक में उचित सुविधाएं हैं या नहीं’।