सुप्रीम कोर्ट ने ऑड-ईवन पर उठाए सवाल, कहा- लगाओ एयर प्यूरीफायर
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार को रोडमैप तैयार करने और पूरी दिल्ली में एयर प्यूरीफायर टावर लगाने के लिए योजना बनाने को कहा है। साथ ही पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिवों को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देने के लिए तलब किया है।
जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए। पीठ ने कहा कि सरकार दिल्ली में उन स्थानों का चयन करे, जहां पर प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक है और वहां पर एयर प्यूरीफायर टॉवर लगाएं। केंद्र ने कोर्ट को बताया कि वह दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए स्मॉग टॉवर लगाने की व्यवहार्यता की जांच कर रहा है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि लोग आखिर सांस कैसे लें। प्रदूषण का बहुत ही बुरा असर पड़ा है। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स आज भी 600 के करीब है।
दिल्ली सरकार ने कहा- मुख्य कारण पराली जलाना है
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या ऑड ईवन लगाने से दिल्ली में प्रदूषण में कोई कमी आई है। दिल्ली सरकार की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस योजना से 5-15 प्रतिशत तक प्रदूषण में कमी आई है। अगर ऑड-ईवन स्कीम के तहत कुछ निश्चित छूट को समाप्त कर दी जाए, जैसे टू-व्हीलर को दी जाने वाली छूट को खत्म कर दिया जाए तो इससे और मदद मिलेगी। दिल्ली सरकार ने दोहराया कि राजधानी में प्रदूषण का मुख्य कारण पराली जलाना है। पिछले साल ऑड-ईवन के असर पर कोई अध्ययन नहीं किया गया था।
ऑड-ईवन समस्या का स्थायी समाधान नहीं
दिल्ली सरकार के पक्ष पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन योजना इसका स्थायी समाधान नहीं हो सकता है। खासतौर पर तब जब सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड ने बताया है कि कारों के कारण केवल 3 फीसदी प्रदूषण फैल रहा है और सभी वाहन मिलकर राजधानी में 28 फीसदी प्रदूषण पैदा करते हैं। कूड़ा डंपिंग, निर्माण के निकले कूड़े, सड़कों की धूल जैसे अन्य कारणों से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। इससे दिल्ली के प्रदूषण में कोई कमी नहीं आई है। प्रदूषण रोकने के लिए हमें ठोस उपाय करने होंगे। साथ ही कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के 13 प्रदूषण केंद्रों को प्रदूषक तत्वों से मुक्त किया जाना चाहिए।
शुक्रवार का दिन दिल्ली में ऑड-ईवन का अंतिम दिन है। 4 नवंबर से इसे शुरू किया गया था। हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि हवा की गुणवत्ता की जांच के बाद इसे आगे बढ़ाने पर सोमवार को फैसला लिया जा सकता है।