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10 October 2019

एयरसेल मैक्सिस मामले में चिदंबरम और बेटे कार्ति को जमानत देने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची ईडी

File Photo

एयरसेल मैक्सिस मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को जमानत देने के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। ईडी की अर्जी पर शुक्रवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई होने की संभावना है। पिछले सुनवाई में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल मैक्सिस केस में पी चिदंमबरम और उनके बेटे को अग्रिम जमानत दी थी।

राउज एवेन्यू कोर्ट से जिस दौरान चिदंबरम-कार्ति को मिली थी, तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ही दिल्ली हाई कोर्ट में इसके खिलाफ अपील कर सकते हैं। अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान दोनों एजेंसियों (सीबीआई-ईडी) ने अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि अगर दोनों को जमानत मिलती है कि वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर कर सकते हैं।

इन शर्तों पर कोर्ट ने दी थी जमानत

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कोर्ट के आदेश के बाद ईडी और सीबीआई दोनों ही एजेंसियां चिदंबरम या कार्ति चिदंबरम को एयरसेल-मैक्सिस केस में गिरफ्तार नहीं कर पाएंगी। कोर्ट ने पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को यह जमानत कुछ शर्तों के साथ दी थी, जिसमें जांच एजेंसी के साथ जांच में सहयोग करना भी शामिल है।

वह सबूतों के साथ इस मामले में छेड़छाड़ नहीं करेंगे

कोर्ट ने चिदंबरम और कार्ति को जमानत देते वक्त अपने आदेश में कहा था कि वह सबूतों के साथ इस मामले में छेड़छाड़ नहीं करेंगे। ये केस भी फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से जुड़ा हुआ है। साल 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील को चिदंबरम ने बतौर वित्त मंत्री मंजूरी दी थी।

दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं चिदंबरम

आइएनएक्स मीडिया केस में फिलहाल पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। चिदंबरम पर आरोप है कि एयरसेल मैक्सिस डील केस 3500 करोड़ रुपये की एफडीआइ की मंजूरी का था। बावजूद इसके एयरसेल मैक्सिस केस में एफडीआइ को लेकर पी. चिदंमबरम ने बतौर वित्त मंत्री कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक्स अफेयर्स की मंजीरी के बिना दी थी।

चिदंबरम पर ये हैं आरोप

चिदंबरम पर आरोप है कि उनके पास 600 करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट प्रपोजल्स को ही मंजूरी देने का अधिकार था। लेकिन बावजूद इसके बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के लिए उन्हें आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी लेनी जरूरी थी। एयरसेल-मैक्सिस डील केस 3500 करोड़ की एफडीआई की मंजूरी का था। इसके बावजूद एयरसेल-मैक्सिस एफडीआई मामले में चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की मंजूरी के बिना मंजूरी दी गई।

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TAGS: Aircel-Maxis scam, ED, moves, Delhi HC, challenging, anticipatory bail, Chidambaram, son
OUTLOOK 10 October, 2019
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