कश्मीर: 22 हजार रुपए तक पहुंचा श्रीनगर से दिल्ली का हवाई किराया, उड्डयन मंत्रालय ने लगाम लगाने को कहा
जम्मू-कश्मीर में मौजूद अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के लिए कश्मीर से जल्द से जल्द लौट जाने की एडवाइजरी जारी की गई है। इसके बाद हजारों पर्यटक और अमरनाथ यात्री घाटी से बाहर निकलने की कोशिश में लगे हैं। कश्मीर गए लोगों के परिजन परेशान हैं। श्रीनगर से दिल्ली का हवाई किराया 22 हजार रु. तक पहुंच गया है। वहीं, श्रीनगर से जम्मू की फ्लाइट का टिकट 10 हजार रु से ज्यादा में मिल रहा है। प्राइवेट वाहनों के अकेले आने-जाने पर रोक है। उन्हें आर्मी के काफिल के साथ निकाला जा रहा है। इसी बीच उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइंस को एडवायजरी जारी कर कहा है कि अमरनाथ यात्रा से लौट रहे यात्रियों के किरायों पर लगाम लगाई जाए।
एयरफोर्स के विमान से 300 लोगों को भेजा गया
जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग के निदेशक निसार वानी ने बताया कि शुकवार को कश्मीर में 20-22 हजार पर्यटक थे। उनमें से ज्यादार श्रीनगर पहुंच गए या फिर घाटी छोड़ चुके हैं। एडवाइजरी जारी होने के तुरंत बाद गुलमर्ग, पहलगाम और अन्य पर्यटन स्थलों के लिए बसों को रवाना किया गया था। वहां से सभी पर्यटकों को श्रीनगर लाया गया। कुछ पर्यटक पहलगाम में ट्रैकिंग पर गए हैं, जो कि फिलहाल अपने बेस नहीं लौटे हैं। करीब 300 लोगों को एयरफोर्स के विमान से भेजा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बहुत से स्थानीय लोग एटीएम के बाहर लाइन में खड़े हैं।
महबूबा मुफ्ती ने की सभी दलों से ये अपील
जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि अगर राज्य में सब ठीक है तो केंद्र की ओर से ऐसे आदेश क्यों दिए जा रहे हैं। महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'आखिर एनआईटी के छात्रों को जाने के लिए क्यों कहा गया?'
महबूबा मुफ्ती का कहना है कि कश्मीर की पहचान को बचाने के लिए सभी मुख्यधारा की पार्टियों को एकजुट होना चाहिए। जम्मू कश्मीर के नेताओं के अलग अलग बयान आ रहे हैं। एक दिन पहले ही सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए एडवाइजरी जारी की और अमरनाथ यात्रा को रोक दिया, जिसके बाद से ही जम्मू कश्मीर में टेंशन बनी हुई है।
फारुख अब्दुल्ला से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह
महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 35ए की रक्षा के लिए अपने धुर राजनीतिक विरोधी फारूक अब्दुल्ला से साथ देने का आग्रह किया है। महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि उन्होंने प्रदेश के विशेष दर्जे की रक्षा के लिए फारूख अब्दुल्ला से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया है।
महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट के जरिए कहा, "हालिया घटनाक्रम से जम्मू-कश्मीर के लोगों में घबराहट पैदा हो गई है, इसलिए मैंने डॉ. अब्दुल्ला साहब से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया है। एकजुटता के साथ जवाब देना वक्त की जरूरत है। हम कश्मीर के लोगों को एकजुट होने की जरूरत है।"
उमर अब्दुल्ला ने की राज्यपाल से मुलाकात
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल से मुलकात की। राज्यपाल से मिलने के बाद उमर ने कहा कि राज्यपाल ने उनके सामने भी अपने कल के बयान को दोहराया है। उमर अब्दुल्ला ने मांग की है कि इस मामले पर देश की संसद से जवाब आना चाहिए। वहीं, ये भी कहा कि यहां क्या हो रहा है किसी को नहीं पता है।
बता दें कि इससे पहले पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने भी शुक्रवार रात राज्यपाल से मुलाकात की थी। राज्यपाल राजनीतिक दलों को अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की थी।
'क्या हो रहा है किसी को नहीं पता'
राज्यपाल से मीटिंग के बाद उमर ने कहा, 'हम अधिकारियों से पूछते हैं कि क्या हो रहा है? वे कहते हैं कि कुछ हो रहा है, लेकिन क्या हो रहा है इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है। इस अस्पष्टता के बाद हमने गवर्नर से मिलने का फैसला लिया। हमने उनसे पूछा कि आखिर क्या हो रहा है। गवर्नर ने अपना कल बयान फिर से दोहराया।'
‘35ए से छेड़छाड़ की भी कोई तैयारी नहीं’
उमर ने कहा कि गवर्नर ने उन्हें यकीन दिलाया है कि किसी भी तरह की 'तैयारी' नहीं की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि 35ए से छेड़छाड़ की भी कोई तैयारी नहीं है।
‘सोमवार को सदन की शुरुआत होते ही सरकार इस पर अपना पक्ष साफ करे’
अब्दुल्ला ने कहा कि हम संसद में भारत सरकार से सुनना चाहते हैं कि वह जम्मू-कश्मीर के बारे में क्या सोचते हैं। हमारी पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे को लेकर मुलाकात हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 35-ए हटाने का हमारा कोई इरादा नहीं है, लेकिन अब अचानक श्रद्धालुओं के यहां से वापस भेजा जा रहा है। हम चाहते हैं कि सोमवार को सदन की शुरुआत होते ही सरकार इस पर अपना पक्ष साफ करे।
राज्यपाल का आश्वासन- जम्मू-कश्मीर में कुछ होने की खबर केवल अफवाह
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ राज्यपाल से मुलाकात की। अमरनाथ यात्रा के स्थगन पर उन्होंने चिंता जताई और राज्यपाल के सामने इस मुद्दे को रखा। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि जम्मू-कश्मीर में कुछ होने बड़ा होने की खबर केवल अफवाह है। कुछ होने नहीं जा रहा है।
राज्यपाल के जवाब से संतुष्ट नहीं महबूबा
पीडीपी की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार रात राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान महबूबा के साथ शाह फैसल समेत कई अन्य नेता भी थे। नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर में 'भयपूर्ण वातावरण' पर चिंता जताई। राज्यपाल मलिक ने कहा कि अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादी हमला होने की विश्वसनीय सूचना थी। इसी वजह से अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को घाटी से लौटने के लिए अडवाइजरी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी फिदायिन हमला कर सकते हैं। इसी खतरे को देखते हुए सरकार ने यात्रियों और पर्यटकों को कश्मीर छोड़ने के लिए कहा है। इस मीटिंग के बाद महबूबा ने कहा कि वह इस मामले पर गवर्नर के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं।