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03 June 2019

अजीत डोभाल को मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा, बने रहेंगे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

File Photo

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को केंद्र सरकार ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। इसके साथ ही अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी बने रहेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में डोभाल के योगदान को देखते हुए दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आने वाली मोदी सरकार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने का फैसला किया। उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए की गई है।

पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने की वायुसेना की रणनीति को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमलीजामा पहनाया था। वायुसेना, नौसेना के शीर्ष अधिकारियों से रणनीति पर चर्चा से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पल-पल की जानकारी देने तक में उनकी अहम भूमिका रही।

2014 में बने थे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

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साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को देश का 5वां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था। अजीत डोभाल छह साल पाकिस्तान में मुसलमान बनकर भी रह चुके हैं। डोभाल 1988 में कीर्ति चक्र प्राप्त करने वाले पहले पुलिस अधिकारी हैं। सितंबर 2016 में पीओके में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक में भी अजीत डोभाल की बड़ी भूमिका रही थी। उन्होंने इस मिशन से पहले सेना के तीनों चीफ और खुफिया एजेंसियों के हेड के साथ आखिरी मीटिंग ली थी। मीटिंग में तय हुआ था कि मिशन के तहत एलओसी के उस पार आठ आतंकी कैंपों पर हमला किया जाएगा।

ताकतवर नौकरशाह

अजीत डोभाल की गिनती देश के सबसे ताकतवार नौकरशाहों में होती है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें एनएसए के अलावा रणनीतिक नीति समूह (स्ट्रैटिजिक पॉलिसी ग्रुप, SPG) का सचिव भी बना दिया गया था। डोभाल पाकिस्तान के लाहौर में अपने देश की रक्षा के लिए 7 साल तक अंडरकवर रहे थे। उन्हें भारत के सैन्य सम्मान कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। यह सम्मान पाने वाले वह पहले अफसर थे।

1968 केरल बैच के IPS अफसर अजीत डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल बाद साल 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो से जुड़ गए थे। अजीत डोभाल ने करियर में ज्यादातर समय खुफिया विभाग में ही काम किया है। साल 1989 में अजीत डोभाल ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से चरमपंथियों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन ब्लैक थंडर' का नेतृत्व किया था।

डोभाल के करियर पर एक नजर

- 1968 में अखिल भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुने गए, केरल कैडर मिला।

- मिजोरम और पंजाब में उग्रवाद पर काबू पाने में अहम भूमिका निभाई।

- 1999 में कंधार विमान हाईजैक में सरकार के प्रमुख तीन वार्ताकारों में रहे।

- 1971 से 1999 के बीच 15 हाईजैक की कोशिशों से निपटने में भूमिका निभाई।

- 1988 में ऑपरेशन ब्लैक थंडर-2 से अहम खुफिया जानकारी जुटाई।

- 1990 में कश्मीर में उग्रवाद पर काबू के लिए जम्मू एवं कश्मीर भेजा गया।

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TAGS: Ajit Doval, Cabinet rank, Government of India, NSA
OUTLOOK 03 June, 2019
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