अल्फा टोकोल ने एलसीए एमके1ए के लिए पहला पिछला धड़ एचएएल को सौंपा, राजनाथ सिंह ने कहा- रक्षा विनिर्माण की ऐतिहासिक यात्रा में एक मील का पत्थर
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि निजी कंपनी अल्फा टोकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज ने रविवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को हल्के लड़ाकू विमान एमके1ए के लिए पहला पिछला धड़ सौंपा। रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में एचएएल के विमान प्रभाग में पिछला धड़ सौंपा गया।
इस अवसर पर बोलते हुए सिंह ने इसे भारत के रक्षा विनिर्माण की ऐतिहासिक यात्रा में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा, "यह समारोह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की प्रगति और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।"
रक्षा मंत्री ने नवीनतम प्लेटफार्मों और प्रौद्योगिकियों के साथ सशस्त्र बलों को लगातार मजबूत करने के लिए एचएएल और निजी क्षेत्र की सराहना की। उन्होंने कहा कि एचएएल अपने एकीकृत मॉडल और रणनीतियों के माध्यम से न केवल सैनिकों की ताकत बढ़ा रहा है, बल्कि निजी क्षेत्र के साथ सहयोग करके विनिर्माण और अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) के नए आयाम भी खोल रहा है।
बयान में कहा गया है कि धड़ विमान का मुख्य हिस्सा होता है, जिसमें पायलट, यात्री और कार्गो होते हैं, जबकि पिछला धड़ टेल सेक्शन और उससे जुड़े घटकों को सहारा देता है। सिंह ने एचएएल को देश के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र का धड़ बताया, जिसमें एलएंडटी, अल्फा टॉकॉल, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और वीईएम टेक्नोलॉजीज जैसी निजी कंपनियां एचएएल को सहयोग देते हुए पिछले धड़ की भूमिका निभा रही हैं।
उन्होंने कहा, "इन भारतीय घटकों के साथ, हमारे रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में निर्मित होने वाले विमान आने वाले समय में और अधिक ऊंचाइयों को छुएंगे।" मंत्री ने भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की बढ़ती ताकत के लिए वायु योद्धाओं की बहादुरी और समर्पण के साथ-साथ भारतीय सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों द्वारा निर्मित किए जा रहे उपकरणों को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, "हमारे साहसी वायु योद्धाओं ने अमूल्य योगदान दिया है, लेकिन स्वदेशी रूप से निर्मित किए जा रहे उपकरण उन्हें अतिरिक्त ताकत प्रदान कर रहे हैं, जिसके साथ वे हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं।"
सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि एचएएल और निजी क्षेत्र हर चुनौती को पार करते रहेंगे और सशस्त्र बलों को हर तरह से मजबूत करेंगे। बयान में कहा गया है कि एचएएल ने 83 एलसीए एमके1ए अनुबंध के लिए प्रमुख मॉड्यूल की आपूर्ति के लिए एलएंडटी, अल्फा टोकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल), वीईएम टेक्नोलॉजीज और लक्ष्मी मिशन वर्क्स (एलएमडब्ल्यू) जैसी विभिन्न भारतीय निजी कंपनियों को ऑर्डर दिए हैं। एचएएल ने पहले ही 12 एलसीए एमके1ए रियर फ्यूजलेज का निर्माण किया है, जो विनिर्माण लाइन में विमान पर हैं।
इस आपूर्ति के साथ, एक भारतीय निजी भागीदार द्वारा निर्मित एक प्रमुख संरचना मॉड्यूल को एलसीए एमके1ए विमान में एकीकृत किया जाएगा, जिससे एचएएल 2025-26 से भारतीय वायुसेना के लिए अतिरिक्त डिलीवरी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सक्षम होगा। इस अवसर पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह, सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी, एचएएल के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) डी के सुनील, अल्फा टॉकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और निदेशक विंग कमांडर बरन सेन (सेवानिवृत्त), वीईएम टेक्नोलॉजीज के सीएमडी वी वेंकटराजू, लार्सन एंड टूब्रो के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण टी रामचंदानी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।