कार्ति चिदम्बरम ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बताया राजनीति से प्रेरित
आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपी कार्ति चिंदबरम ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया है। सीबीआई द्वारा मुंबई से दिल्ली लाए जाने पर कार्ति ने यह बात कही। रविवार को सीबीआई कार्ति को पूछताछ के लिए मुंबई लेकर गई थी जहां आईएनएक्स मीडिया के डायरेक्टर्स पीटर और इंद्राणी को साथ बैठाकर पूछताछ की।
All allegations against me are false and politically motivated: #KartiChidambram being brought back to Delhi from Mumbai by CBI #INXMediaCase pic.twitter.com/I9TqoCvi8l
— ANI (@ANI) March 4, 2018
कार्ति से सीबाआई का पूछताछ का तीसरा दिन है। सीबीआई कार्ति को लेकर मुंबई की भायकुला जेल पहुंची, जहां इंद्राणी को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ हुई। इसके बाद कार्ति को ऑर्थर रोड जेल ले जाया गया, जहां पीटर बंद हैं।
CBI has taken #KartiChidambaram to Mumbai for further investigation in the INX Media case. (File Pic) pic.twitter.com/ktruU9yfXD
— ANI (@ANI) March 4, 2018
बता दें कि इंद्राणी ने सीबीआई को बयान दिया था कि कार्ति चिदंबरम ने एफआईपीबी क्लीयरेंस के लिए करीब छह करोड़ रुपये की मांग की थी। कार्ति की गिरफ्तारी इंद्राणी के आरोपों को ही आधार बनाकर हुई थी। इंद्राणी अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या मामले में मुंबई की भायकुला जेल में बंद है।
अदालत में पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि वे इस मामले में अन्य सह-आरोपी इंद्राणी के साथ कार्ति से पूछताछ करना चाहती है। अदालत ने कार्ति को होली से एक दिन पहले पांच दिन के लिए सीबीआई रिमांड पर भेज दिया था। दिल्ली में सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को कार्ति चिदंबरम से लंबी पूछताछ की। इस दौरान कार्ति से एफपीआईबी अप्रूवल को लेकर सवाल जवाब किए गए। कार्ति चिदंबरम को इस सप्ताह की शुरुआत में चेन्नई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के नौ महीने बाद कार्ति की गिरफ्तारी हुई। उन पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, सार्वजनिक नौकरियों को प्रभावित करना करने का आरोप है।
सीबीआई के मुताबिक, आईएनएक्स के प्रमोटरों इंद्राणी और पीटर मुखर्जी ने तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति से दिल्ली के होटल हयात में मुलाकात की थी। मुलाकात का मकसद फॉरन इन्वेस्टमेंट के लिए एफआईपीबी अप्रूवल 'मैनेज' करवाना था। सीबीआई का आरोप है कि कार्ति ने इसके लिए दस लाख डॉलर की मांग की थी। यह मामला 2007 का है। उस वक्त कार्ति के पिता पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। उन्होंने ही कार्ति का काम आसान बनाया था।