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01 September 2020

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया डॉ. कफील खान की तुरंत रिहाई का आदेश, भड़काउ भाषण के लिए किया गया था गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुए ऑक्सीजन कांड में आरोपी डॉ. कफील को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। उनके ऊपर योगी सरकार की ओर से लगाया गया एनएसए एक्ट हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने डॉ. कफील को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। डॉ. कफील के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जल्दी ही फैसला देने का आदेश बीते दिनों दिया था।

बता दें कि खान को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत इस साल जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया गया था, जो कि सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान दिसंबर 2019 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित भड़काऊ भाषण दे रहे थे।

पिछले साल 13 दिसंबर को दायर की गई पहली सूचना रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉ. खान ने विश्वविद्यालय में शांतिपूर्ण माहौल को और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास किया।

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में विवादित बयान देने के मामले में डॉ. कफील खान की मुंबई से गिरफ्तारी की गई थी। वह फिलहाल मथुरा जेल में हैं। इस मुकदमे में 10 फरवरी के बाद डॉ. कफील की रिहाई की तैयारी चल रही थी। लेकिन उनके खिलाफ एनएसए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। 

 

10 फरवरी को खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी लेकिन मथुरा जेल अधिकारियों द्वारा तुरंत रिहा नहीं किया गया था। हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना का दावा करते हुए उनका परिवार फिर अलीगढ़ कोर्ट चला गया। अदालत ने 13 फरवरी को एक ताजा रिलीज ऑर्डर जारी किया, लेकिन इसे लागू करने से पहले अधिकारियों ने उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया।

सीएए के विरोध में दिया था भड़काऊ भाषण

दिसंबर महीने में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर योगेंद्र यादव के साथ डॉ. कफील ने एएमयू में विवादित बयान दिया था। इस पर कफील के खिलाफ सिविल लाइंस केस दर्ज किया गया था। इसी मामले में 10 फरवरी के बाद रिहाई की तैयारी थी, लेकिन इससे पहले उनके ऊपर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई।

सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिनों के अंदर सुनवाई पूरी करने के दिए थे आदेश

डॉ. कफील ने रासुका (एनएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि डॉ. कफील की हाई कोर्ट में पेंडिंग याचिका पर 15 दिनों के अंदर सुनवाई पूरी की जाए।

बता दें कि इसस पहले डॉ. कफील ने 2017 में यूपी के गोरखपुर के एक सरकारी अस्पताल में एक सप्ताह में 60 से अधिक बच्चों की मौत के बाद गिरफ्तारी का सामना किया था।

 

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TAGS: इलाहाबाद हाईकोर्ट, कफील खान, तत्काल रिहाई, निर्देश, एनएसए, आरोपित, Allahabad HC, Directs, Immediate Release, Kafeel Khan, Charged, Under NSA
OUTLOOK 01 September, 2020
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