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23 September 2019

चिन्मयानंद मामले में एसआईटी ने हाईकोर्ट को सौंपी स्टेटस रिपोर्ट, पीड़िता की याचिका खारिज

File Photo

छात्रा से दुष्कर्म करने और उसे ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की तबियत बिगड़ने पर जहां उन्हें सोमवार को लखनऊ के एसजीपीजीआई के एनआईसीयू में भर्ती कराया गया है। वहीं, दूसरी ओर इस मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान एसआईटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को तीन सीलबंद लिफाफों में अपनी जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपी। वहीं, फिरौती के आरोप में गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रयागराज गई छात्रा की स्टे की मांग को कोर्ट ने नामंजूर कर दिया है। साथ ही, धारा 164 के तहत दोबारा कलमबंद बयान दर्ज करवाने की छात्रा की मांग को भी अदालत ने ठुकरा दिया। 

छात्रा को गिरफ्तारी पर रोक के लिए दूसरी कोर्ट में देनी होगी अर्जी 

 

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सोमवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि छात्रा को गिरफ्तारी पर रोक के लिए दूसरी कोर्ट में अर्जी देनी होगी। दोबारा बयान की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने कहा कि मजिस्ट्रेट के अधिकार पर आपत्ति सही नहीं है। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 22 अक्टूबर की तारीख तय की है।

 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस मंजूरानी चौहान की डिवीजन बेंच इस मामले में सुनवाई की। सुनवाई में इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अब तक की जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की। वहीं, दूसरी तरफ पीड़ित छात्रा और उसका परिवार भी सुनवाई के दौरान कोर्ट में रहे।  

एंजियोग्राफी के लिए लखनऊ के केजीएमयू में चिन्मयानंद को रेफर किया

जेल के सूत्रों ने बताया कि डॉक्टरों ने जिला कारागार में बंद चिन्मयानंद को एंजियोग्राफी के लिए लखनऊ के केजीएमयू रेफर किया। स्वामी के वकील ओम सिंह ने बताया कि भाजपा नेता की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने महसूस किया कि उन्हें एंजियोग्राफी की आवश्यकता है इसलिए उन्हें केजीएमयू रेफर किया गया। सिंह ने बताया कि चिन्मयानंद के समर्थन में आये भाजपा नेता एवं पूर्व एमएलसी जयेश प्रसाद भी स्वामी के साथ लखनऊ गए हैं। बता दें कि प्रसाद ने स्वामी से जेल में रविवार को मुलाकात की थी। उन्होंने 72 वर्षीय स्वामी की गिरती सेहत पर चिन्ता व्यक्त की थी।

माना जा रहा है कि अदालत से अपनी सुरक्षा, एसआईटी के रवैये और इंसाफ के मुद्दे पर पीड़ित परिवार अपना पक्ष रख सकता है। एसआईटी की तरफ से पीड़ित छात्रा व उसके साथियों द्वारा स्वामी चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने के आरोपों को लेकर अदालत से दिशा-निर्देश भी मांग सकती है। दूसरी तरफ छात्रा अपने ऊपर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार से बचने के लिए भी अदालत से गुहार लगा सकती है।

पिछले दिनों प्रयागराज में रूककर वकीलों से कानूनी सलाह ले चुका है पीड़ित छात्रा का परिवार

छात्रा और उसका परिवार पिछले हफ्ते तीन दिनों तक प्रयागराज में रूककर वकीलों से कानूनी सलाह ले चुका है, लिहाजा उसकी तरफ से कोर्ट में कई प्वाइंट्स पर अपनी बात रखे जाने की पूरी उम्मीद है। चिन्मयानंद की तरफ से कोर्ट में आज कोई वकील पेश होगा या नहीं, यह अभी साफ नहीं है। सुनवाई के दौरान पीड़ित छात्रा व उसके परिवार को कोर्ट में पर्याप्त सुरक्षा भी मुहैया कराई जाएगी।

छात्रा के तीन साथी भी भेजे गए जेल

छात्रा से दुराचार के आरोप में जेल में बंद चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने में छात्रा के तीन साथी भी जेल भेजे जा चुके हैं। छात्रा को भी आरोपी बनाया गया है लेकिन गिरफ्तारी नहीं की गई है। आरोपी बनाए जाने और चिन्मयानंद पर धाराएं हल्की लगने से क्षुब्ध छात्रा सोमवार को अपना पक्ष हाईकोर्ट में रखने के लिए प्रयागराज पहुंच चुकी है। वह चिन्मयानंद पर दुराचार की मुख्य धारा लगाने की मांग करेगी। उसने इस बात पर भी आपत्ति जताई थी कि उसकी और संजय के बीच एक जनवरी से अब तक 42 सौ बार फोन कॉल की जानकारी एसआईटी ने मीडिया को क्यों दी। हाईकोर्ट में यह तथ्य भी रखा जाएगा। 

क्या है पूरा मामला

स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण तथा कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाए थे। लड़की ने अपनी और अपने परिवार को जान का खतरा बताया था।

इस मामले में पीड़िता के पिता की ओर से कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने की धाराओं में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया था। इससे एक दिन पहले स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पांच करोड़ रुपए रंगदारी मांगने का भी मुकदमा दर्ज कराया था।

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TAGS: Allahabad HC, expresses, satisfaction, over SIT, status report, Chinmayanand case, Law student, plea, stay arrest, denied
OUTLOOK 23 September, 2019
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