इलाहाबाद हाईकोर्ट से बाबा रामदेव को झटका, नोएडा की जमीन पर काम रोकने को कहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर में बन रहे पतंजलि योग संस्थान के फूड पार्क लेकर बाबा रामदेव को बड़ा झटका दिया है।
हाईकोर्ट ने नोएडा में संबद्ध प्राधिकरणों को बाबा रामदेव के पतंजलि योग संस्थान को फूड पार्क स्थापित करने के लिए आवंटित की गई 4500 एकड़ भूमि पर किसी तरह का विकास कार्य या बदलाव नहीं करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल और न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खंडपीठ ने मंगलवार तक उस जमीन पर यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।
अदालत ने गौतम बुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट और यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण को भी निर्देश दिया कि वे नोएडा के निवासी असफ खान द्वारा दायर इस याचिका पर अपने जवाबी हलफनामे दाखिल करें। असफ खान का आरोप है कि उन्हें पेड़ लगाने के लिए 30 साल के पट्टे पर आवंटित 200 बीघा जमीन उस 4500 एकड़ में शामिल है जो पतंजलि योग संस्थान को आवंटित की गई है।
याचिकाकर्ता ने बाबा पर आरोप लगाया है कि उनकी संस्था पतंजलि योग संस्थान ने नोएडा के कादलपुर व शिलका गांव में पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क बनाने के लिए लीज पर मिली सरकारी जमीन पर लगे 6 हजार पेड़ कटवा दिए जिससे उस इलाके में पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा है। इस मामले में बाबा के खिलाफ कार्रवाई के साथ उन्हें दी गई जमीन का पट्टा रद्द किये जाने की मांग की गई है।
गौरतलब है कि गौतमबुद्ध नगर में 4500 एकड़ में पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के फूड पार्क का निर्माण हो रहा है। ये जमीन यूपी की पूर्व अखिलेश यादव सरकार ने बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि योग संस्थान को नोएडा के कादलपुर व शिलका गांव में पट्टे पर दी थी। यह जमीन यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के तहत आती है। लेकिन अब कोर्ट के निर्देश के बाद बाबा रामदेव का ये ड्रीम प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है।