Advertisement
31 October 2021

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का आरोप, बंगलादेश में अल्पसंख्यकों पर साजिश के तहत हुए हमले, वैश्विक एकता-अखंडता जरूरी

FILE PHOTO

आरएसएस से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा है कि बांग्लादेश की 16.5 करोड़ लोगों की आबादी में हिंदू समुदाय की आबादी 9 प्रतिशत से भी कम है। पहले भी हिंदुओं पर हमले होते रहे हैं लेकिन बांग्लादेश के इतिहास में यह हिंदुओं के ख़िलाफ़ सबसे ख़तरनाक हिंसा है। 1971 में पाकिस्तान से स्वतंत्रता मिलने के बाद बांग्लादेश खुद की धर्मनिरपेक्षता पर गर्व करता आया है। हालांकि, इसका संविधान इस्लाम को राष्ट्रीय धर्म का दर्जा देता है और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को भी कायम रखता है लेकिन मंच का मानना है कि कट्टरपंथी इस्लामी समूहों ने बांग्लादेश में खासी शोहरत बटोरी है और 2008 से सत्ता में आवामी लीग के आने के बाद सरकार बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरपंथ पर काबू पाने में पूरी तरह असफल रही है।

मंच के राष्ट्रीय संयोजक एवं उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड प्रभारी रजा हुसैन रिजवी का कहना है कि, राजनीतिक लाभ के लिए सरकार ने कट्टरवादी ताकतों से समझौता किया और खासतौर पर यह लोकतांत्रिक राजनीति की पृष्ठभूमि में विवशता के कारण किया गया जिसके परिणास्वरूप, कट्टरपंथियों को शोहरत और मान्यता मिली और उनका प्रभाव बढ़ा. रजा का कहना है कि यह काफी दुखद है कि अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हमलों की जांच में कोई प्रगति नहीं हो रही है और दिनों दिन हालात बदतर होते जा रहे हैं।

मंच के राष्ट्रीय संयोजक एवं हिंदुस्तानी फर्सट और हिंदुस्तानी बेस्ट प्रकोष्ठ के प्रभारी विराग पाचपोर का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के विरुद्ध हमले दशकों में व्यवस्थित तरीके से होने लगे हैं जो चिंता का विषय है. बांग्लादेश में हिंदू घरों और जमीनों को साजिश के तहत छीनने की और उन्हें जबरन देश छुड़वाने की कोशिशें हो रही हैं. विराग पाचपोर ने जोर दिया कि सभी धर्मों के सदस्यों को सौहार्दपूर्ण ढंग से रहना चाहिए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 31 October, 2021
Advertisement