अमित शाह ने संसद में एक बार फिर पूर्व पीएम नेहरू पर निशाना साधा, '' उन्होंने गलती की...''
राज्यसभा में सोमवार को 370 पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और इसे पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की गलती का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के विलय में देरी पंडित जवाहरलाल नेहरू के कारण हुई। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी आपत्ति है। मैं इनको (कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल) नहीं समझा सकता क्योंकि मेरी मर्यादा है।
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक और आरक्षण संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा, "एक बात तो सर्वविदित है कि अगर असामयिक युद्धविराम नहीं हुआ होता तो आज पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) नहीं होता... मैं एक बयान पढ़ना चाहूंगा... यह जवाहरलाल नेहरू का उद्धरण है। उनको तो मानोगे या नहीं मानोगे कि उन्होंने गलती की है। इसे स्वीकार करें...।"
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ''आज अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आ गया है। फिर भी, कांग्रेस कहती है और वे मानते हैं कि धारा 370 को गलत तरीके से हटाया गया। मैं उन्हें यह नहीं समझा सकता कि वास्तविकता क्या है...अनुच्छेद 370 ने अलगाववाद को बढ़ावा दिया और अलगाववाद के कारण आतंकवाद को बढ़ावा मिला। एक गलत फैसला हो सकता है लेकिन जब इतिहास और समय यह साबित कर दे कि वह फैसला गलत है तो राष्ट्रहित की ओर लौटना चाहिए। मैं अब भी कहता हूं, वापस आ जाओ नहीं तो अब कितने (सदन के लिए चुने गए सांसद) बचे हैं, वह भी नहीं रहेंगे। अगर आप आज भी इस फैसले पर कायम रहना चाहते हैं तो जनता देख रही है- 2024 में मुकाबला होगा और पीएम मोदी तीसरी बार पीएम बनेंगे।"
अमित शाह ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने माना कि 370 अस्थाई समाधान था। जवाहरलाल नेहरू का काम जिन लोगों को पसंद आता है और वो जो उनके विचारों के समर्थक को भी ये पसंद नहीं आता। मेरा सवाल है कि 370 की इतनी जरूरत थी तो इसको अस्थाई क्यों बोला गया। जवाहरलाल नेहरू ने भी अस्थाई ही बोला था। 370 को स्थाई कहने वाली की बात को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।''
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर कहा, "...जहां तक तंग नजरियों का सवाल है, देश की एक भी इंच जमीन का सवाल है, हमारा नजरिया तंग रहेगा, हम दिल बड़ा नहीं कर सकते। किसी को भी अपना बड़ा हृदय दिखाने के लिए हमारी ज़मीन का एक हिस्सा देने का अधिकार नहीं है..."
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की 24 सीटों को आरक्षित रखा गया हैं क्योंकि फिर से कह रहा हूं कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर(PoK) भारत का है, हमारा है और इसे हमसे कोई नहीं छीन सकता...'' "...पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब नए परिसीमन आयोग के बाद 43 सीटें हो गई हैं। पहले कश्मीर में 46 सीटें थीं, अब 47 हैं और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 24 सीटें आरक्षित कर दी गई हैं क्योंकि PoK हमारा है...।"