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08 June 2018

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने उठाई भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर की रिहाई की मांग

File Photo

एमनेस्टी इंटरनेशनल इण्डिया ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत पिछले करीब एक साल से जेल में बंद ‘भीम आर्मी’ नेता चंद्रशेखर आजाद ‘रावण‘ के खिलाफ मुकदमें की जल्द से जल्द सुनवाई कर उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल इण्डिया की कार्यक्रम निदेशक अस्मिता बासु और भीम आर्मी के राष्ट्रीय संयोजक विनय रतन सिंह ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में गुरुवार को कहा कि चंद्रशेखर आजाद को जेल गए एक साल हो गया। वहीं पिछली 2 नवम्बर से वह रासुका के तहत जेल में हैं।

अस्मिता ने कहा कि भारत में मानवाधिकार के लिए लड़ने वालों की आवाज दबाने के लिए कई बार रासुका का दुरुपयोग किया जाता है। इसके तहत सुरक्षा-व्यवस्था के नाम पर किसी को भी 12 महीने तक प्रशासनिक हिरासत में रखा जा सकता है।

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पीटीआई के मुताबिक, एमनेस्टी इंटरनेशनल और भीम आर्मी की मांग है कि आजाद के खिलाफ चल रहे मामले में जल्द से जल्द सुनवाई करके उन्हें न्याय दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आजाद की रिहाई की मांग करने के एमनेस्टी इंटरनेशनल इण्डिया के अभियान का देशभर में एक लाख 40 हजार से ज्यादा लोगों ने समर्थन किया है। मिस्ड कॉल पर आधारित यह मुहिम 4 अप्रैल को शुरू की गई थी।

इस मौके पर मानवाधिकार कार्यकर्ता एस. आर. दारापुरी ने प्रदेश पुलिस पर भीम आर्मी के लोगों को जानबूझकर का निशाना बनाने और एकपक्षीय कार्यवाही करने का आरोप लगाया।

आजाद को एक जातीय हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था

गौरतलब है कि भीम आर्मी के नेता आजाद को मई 2017 को सहारनपुर में हुई जातीय ङ्क्षहसा के मामले में उसी साल जून में हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें दो नवम्बर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी लेकिन जेल से रिहा होने से पहले ही उन्हें रासुका के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था।

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TAGS: Amnesty International, asks UP govt, to 'immediately release', Bhim Army's Chandrashekhar Azad
OUTLOOK 08 June, 2018
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